उज्जवल हिमाचल। शाहपुर
आज हाइट ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन (HIET Group of Institution) में सीपीआर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि डॉ. अजय वर्मा एम.डी. स्थानीय हॉस्पिटल शाहपुर, विवेक कुमार ओ.टी. अटेंडेंट तथा अनिल कुमार हेल्थ सुपरिंटेंडेंट शाहपुर उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि को हाइट ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन शाहपुर के चेयरमैन रमन कायस्था, वाईस चेयरमैन स्वाति कायस्था, प्रबंधक निदेशक दुष्यंत कायस्था और प्रधानाचार्य डॉक्टर अर्जुन कुमार द्वारा स्वागत किया गया। इस शिविर में मुख्य अतिथि अजय वर्मा ने यह बताया कि किस तरह से आपातकालीन स्थिति में सी.पी.आर की सहायता से डेथ रेट को कम किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि सीपीआर का मतलब है कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन। यह भी एक तरह की प्राथमिक चिकित्सा यानी फर्स्ट एड है। जब किसी पीड़ित को सांस लेने में दिक्कत हो या फिर वो सांस न ले पा रहा हो और बेहोश हो जाए तो सीपीआर से उसकी जान बचाई जा सकती है।
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उन्होंने बताया कि सीपीआर में मुख्य रुप से दो काम किए जाते हैं। पहला छाती को दबाना और दूसरा मुँह से सांस देना। जिसे माउथ टु माउथ रेस्पिरेशन कहते हैं। कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन प्रोसेस मस्तिष्क को ऑक्सीजन की आपूर्ति बनाए रखने में मदद करती है जब तक कि रोगी का सही उपचार करके खतरे से बाहर न निकाल लिया जाए। डॉ. अजय वर्मा ने आगे बताया कि यह एक मेथड है।
जिसके द्वारा घटनास्थल पर घटना के समय सीपीआर के द्वारा 1 घंटे के अंदर रोगी को बचाया जा सकता है। सीपीआर के जरिये हम किसी भी व्यक्ति की बन्द हो चुकी धड़कनों को फिर से शुरू कर सकते है।
उन्होंने बताया कि आज के समय में हृदयाघात जैसी समस्याएं और रोड एक्सीडेंट इतने ज्यादा बढ़ चुके हैं कि हम एक जिम्मेदार नागरिक होने के साथ सी.पी.आर. के माध्यम से डेथ रेट को कम कर सकते हैं। आज के समय में सीपीआर जैसी तकनीक हर आदमी को आनी चाहिए। जिसका इस्तेमाल हम अपने घर, परिवारजनों, मित्रों की जान गंवाने के खतरे को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं।