मौसम की गर्माहट के साथ-साथ राजनीति गर्माहट भी पकड़ने लगी तूल

चैन गुलेरिया। ज्वाली
विधान सभा क्षेत्र ज्वाली में भयंकर गर्मी के चलते राजनीति गर्माहट भी तूल पकड़ने लगी है। एक तरफ कांग्रेस के पुराने बुजुर्ग नेता चौधरी चंद्र कुमार अपने लंबे राजनीति कार्यकाल के किस्से लोगों को सुना रहे है। लगभग 15 साल राजनीति सत्ता से बाहर रहे चौधरी चंद्र कुमार अपने कार्यकर्ताओं को मनाने में डटे हुए है और दूसरी तरफ भाजपा के विधायक ठाकुर अर्जुन सिंह के कार्यकर्ता ताश के पत्तों की तरह बिखर रहे है, जो हर रोज सोशल मीडिया पर टकराते देखे जा रहे है।
जोकि ज्वाली भाजपा के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है। ऊपर से विधायक अर्जुन सिंह के अंदर जीत का घमंड रूपी भूत भी पतन का कारण सिद्ध होगा। सोशल मीडिया पर विधायक अर्जुन सिंह की एक वीडियो काफी वायरल हो रही है जिसमें विधायक का घमंड सिर माथे चढ़कर बोल रहा है कि मैंने 2017 में 8213 वोटों से भारी जीत दर्ज की थी और इस बार भी ठाकुर अर्जुन सिंह ही भाजपा की टिकट लेकर आयेगा और जीत कर भी दिखाउगा। अब सवाल उठता है कि पार्टी हाई कमान विधायक से डरती है और क्या वोट अन्य विधान सभाओं से खरीदे जाते है।
ध्यान रहे कि टिकट देना पार्टी हाई कमान का काम है और जिताना जनता का काम है। बेतुकी भाषण बाजी करना बौखलाहट की निशानी है। वर्तमान में ज्वाली भाजपा वेंटीलेटर पर है। भाजपा को इस दुर्दशा से बाहर निकालने के लिए पार्टी हाई कमान के पास केवल एक ही संजीवनी रूपी विकल्प समाजसेवी एवम गरीबों के मसीहा व आम जनता के दिलों की धड़कन संजय गुलेरिया ही है।
जो लगातार दुख सुख की घड़ी में लोगों के साथ खड़े देखे गए है। कोरोना काल में ज्वाली के नेता लोग अपने घरों में छिपे रहे लेकिन संजय गुलेरिया जैसे समाजसेवी बिना किसी डर ,भय  के लोगों के बीच जरूरतमंद सेवाएं देते रहे। जिसमें मास्क, सेनिटाइजर, ऑक्सीमीटर, दवाइयां, खाद्य सामग्री शामिल थी। और अभी भी उनका सेवा करने का जज्बा कम नहीं हुआ है। आज भी मनरेगा में काम करने वाली गरीब बहनों को दोपहर का खाना लाने के लिए टिफन मुहैया करवा रहे है।
इन्हीं सेवाओं के चलते आज संजय गुलेरिया लोगों के दिलों और जुबान पर अपना कब्जा कर चुके है। हर बुजुर्ग, नौजवान, बच्चे की जुबान पर संजय गुलेरिया का नाम ही निकलता है। इस लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता को करारी हार का स्वाद चखाने व ज्वाली भाजपा की डूबती नैया को बचाने के लिए एकमात्र विकल्प संजय गुलेरिया ही हो सकता है ।