हिमाचलः फसल रक्षा के लिए जारी लाइसेंस बंदूकों से हो रहे इंसानों के सीने छली

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। ऊना

प्रदेश के जिला ऊना में तेजी से गोलीकांड के मामलों में तजी से वृद्धि हुई है। जिले में पिछले छह माह में छह गोलीकांड हुए हैं। लोग छोटे-छोटे लड़ाई झगड़ों में एक दुसरे पर गोलीयां दाग रहे हैं। यह सब बंदूके जिला प्रशासन द्वारा लोगों को फसल की सूरक्षा के लिए जारी हुई है, पर लोग इन बंदूकों से एक दूसरे पर गोलियां दाग रहे है। जिला पुलिस प्रमुख ने अभी हाल ही में 274 बंदूक के लाइसेंस रद करने की सिफारिश की थी।

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ये सब ऐसे लोग थे जिन पर कोई न कोई मामला पहले से चल रहा था, लेकिन इन लाइसेंस को रद करने का भी क्या लाभ हुआ क्योंकि जो लोग ऐसे मामलों में सामने आ रहे हैं उनका कोई आपराधिक रिकार्ड ही नहीं है। हर बार नया चेहरा और वह भी ऐसे मामले जिनमें सिर्फ मामूली कहासुनी हुई हो। बंदूक के लाइसेंस के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। लाइसेंस लेने वाले को दो दिन की ट्रेनिंग पुलिस विभाग देता है और उसका आपराधिक रिकार्ड भी जांचा जाता है। हिमाचल में बंदूक का लाइसेंस लेने के लिए सरकार ने चार चरण बनाए हैं।

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फसल के लिए, दूसरा मवेशियों के लिए जैसे भेड़-बकरी की रक्षा, तीसरा आत्मरक्षा और चौथा खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेने वालों के लिए। इसमें सबसे अधिक लोग फसल की रक्षा के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन उसका पूरी तरह अनुचित प्रयोग करके शिकार खेला जाता है, जिसका प्रमाण अभी हाल ही मेें बंगाणा क्षेत्र में घायल मिले तेंदुए के शरीर से गोली का निकलना है जिसे बचाया नहीं जा सका।