हिमाचलः कुपोषण भारत के लिए एक बड़ी गंभीर समस्या

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के परिपेक्ष्य मे कृषि विज्ञान केंद्र कांगड़ा द्वारा आज दिनांक 12.6.2023 को मिल्लेट्स रेसिपी प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया गया। इस प्रतिस्पर्धा में 45 महिलाओं ने भाग लिया। इस मौके पर केन्द्र के प्रभारी डॉ. संजय शर्मा ने बताया कि कुपोषण भारत के लिए एक बड़ी गंभीर समस्या है।

इसे दूर करने के लिए इस वक्त पूरे देश मे पोषण महा अभियान मनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया है। केंद्र की वैज्ञानिक डॉ. नीतू शर्मा ने श्री अन्न अथवा पोषक अनाज आधारित उत्पादों से संतुलित पोषण और बेहतर स्वास्थय के लिए जागरूकता पैदा करते हुए इनसे तैयार मुल्यावर्धक उत्पादों के विषय पर जानकारी प्रदान की।

केंद्र द्वारा विभिन प्रदर्शनों व इनके मूल्यवर्धित उत्पादन प्रदर्शन के माध्यम से पोषक अनाज को बढ़ावा दिया जा रहा है। कार्यकृम में डॉ. दीप कुमार ने प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों मे भी बने रहने वाले इस मिल्लेट्स फसलों के महत्व के बारे में जानकारी दी तथा महिलाओं को वैज्ञानिक विधी से इन फसलों के उत्पादन पर जागरूक किया।

प्रतिस्पर्धा में महिलाओं ने विभिन पौष्टिक अनाजों के व्यंजन जैसे की रागी चाय, कोदो सीरा, बाजरा बर्फी, स्वांक खीर, रागी भटूरु, रागी-बाजरा पतरोड़े, बाजरा खिचड़ी, स्वांक हल्वा, मंडल कत्लु, बाजरा हल्वा, मंडल पकोडू इत्यादि बनाए। पहले पांच विजेताओं को प्रोत्साहन हेतु इनाम भी दिए गयेद्य जमानाबाद के प्रधान कुलदीप चंद विशेष रूप से इस कार्यकृम में उपस्थित रहे।

ब्यूरो रिपोर्ट कांगड़ा

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