उज्जवल हिमाचल। नूरपुर
अंतरराज्य बहुचर्चित चक्की पुल पंजाब-हिमाचल की सीमाओं को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण पुल होने की वजह से हिमाचल प्रदेश की जनता की आवाज़ाही के लिए एकमात्र साधन है लेकिन केंद्र सरकार की निरस्ता के चलते आम जनमानस आर्थिक दृष्टि से नुक़सान उठा रहा है। यह बात आज प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुदर्शन शर्मा ने स्थानीय प्रेसवार्ता के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि अब यहां पर चक्की दरिया में पुल से कुछ दूरी पर सम्बधित अथॉरिटी चैकडैम भाजपा के शासन से बना रही है लेकिन दरिया में जलस्तर इतना तेज है कि पानी का फैलाव कुछ पिल्लरों तक सीमित है। जिस कारण चैकडैम न बनने से पुल सुरक्षित नहीं है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने केंद्र सरकार की ढुलमुल नीति पर आरोप लगाते हुए कहा कि तीन वर्ष से जब भी बरसात आती है तो प्राधिकरण द्वारा अधिकृत निर्माण कम्पनी चक्की पुल पर बनावटी भय बना कर आवाज़ाही आम जनमानस के लिए पूर्णता रोक देना उचित है।
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प्रदेश प्रवक्ता ने चक्की पुल निर्माण के पुख्ता प्रमाण देते हुए बताया कि पुल का निर्माण 2010 के क़रीब हिमाचल लोक निर्माण विभाग द्वारा करवाया गया था जिसकी अनुमानित लागत 38 करोड़ के क़रीब थी, जिसके 17 पिल्लर जिनकी गहराई 24 मीटर ज़मींदोज़ है।
हिमाचल लोक निर्माण विभाग द्वारा हाई टेक आधार पर सभी ध्यान रखते हुए पुख़्ता निर्माण किया गया है लेकिन तकनीकी आधार पर इस पुख़्ता पुल को एकदम जनमानस की आवाज़ाही के लिए रोक देना संदेह के घेरे में है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने इसकी उच्चस्तरीय जाँच करवाने की बात जनहित में कही है। हिमाचल प्रदेश प्रवक्ता ने केंद्र सरकार द्वारा चक्की नदी का तटिकरण पर क़रीब तीन सौ करोड़ का जो प्रावधान रखा है।
उस माध्यम से कितनी राशि तटिकरण पर खर्च हो चुकी है और किस क्षेत्र में यह कार्य हुआ उसका सपष्टीकरण सार्वजनिक किया जाए। प्रदेश प्रवक्ता सुदर्शन शर्मा ने केंद्र सरकार के भूतल परिवहन मंत्रालय के आला अधिकारियों से आग्रह किया कि जिस तरह से 2007 में तत्कालीन हिमाचल सरकार द्वारा चक्की पुल के निर्माण कार्य के दौरान एक वैकल्पिक पुल का निर्माण कर लोगों की आवाज़ाही चक्की नदी के बीचों बीच वैकल्पिक रास्ता बनाकर जनता को वाया लोधवा क़रीब बीस किलोमीटर के लम्बे रास्ते के सफ़र से निजात मिली थी।
प्रदेश प्रवक्ता सुदर्शन शर्मा ने कहा कि यदि मौज़ूदा स्थिति में इस पुल से निर्माण कंपनी की हैवी ड्यूटी वाहन निर्माण कार्य हेतु गुजर सकते है तो फोर व्हीलर कार क्यों नहीं ? उधर एनएचएआई पुल के पिल्लरों को बनाने के प्रयास में उस समय जागरूक हुई। जब भारी बरसात हो रही है।