पंकज शर्मा । ज्वालामुखी
ज्वालामुखी में यातायात नियमों को तोडऩा अब महंगा पड़ सकता है। चालान अब पुलिस कर्मी नहीं एएनपीआर (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉनाइजेशन) सीसीटीवी कैमरे से होंगे। कैमरे वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन कर चालक की ओर से किए गए यातायात उल्लंघन को रिकॉर्ड कर उसकी फोटो, उस दिन की तारीख व समय के साथ सीधे कंट्रोल रूम को भेज देंगे। यहां से चालान बनाकर चालक के पते पर भेजा जाएगा।
एएनपीआर कैमरे की मदद से पुलिस करेगी कार्रवाई
ज्वालामुखी में पहली बार आईटीएमएस (इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) लगाया है। शहर में पहले चरण में प्राइम लोकेशन पर एएनपीआर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। ट्रैफिक चालान में तकनीकी उपयोग से सिस्टम में पारदर्शिता और सरलता आएगी। इससे ट्रैफिक पुलिसकर्मी व लोगों के बीच अच्छा सामंजस्य स्थापित होगा। ट्रैफिक इंचार्ज रणजीत परमार ने बताया कि चालकों की ओवरस्पीड ड्राइविंग, स्पीड बाइकिंग, बाइक स्टंट, हिट एंड रन, चेन स्नैचिंग जैसी घटनाओं पर 24 घंटे नजर रहेगी। शहर की सडक़ों पर रात के समय कई वाहन चालक वाहनों को तेज गति से दौड़ाते हैं। ज्वालामुखी में अधिक स्पीड होने पर यह कैमरे से रिकॉर्ड हो जाएगा।
ओवरस्पीड, हिट एंड रन, चेन स्नेचिंग मामलों में मिलेगी मदद
अभी ज्वालामुखी में दो कैमरे लगाए गए हैं। डीएसपी तिलकराज ने बताया शहर में यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए व यातायात नियमों की पालना को बढ़ाने के लिए इस सिस्टम की शुरुआत की है। इसमें यातायात उल्लंघन जैसे ओवरस्पीड, बिना हेलमेट, ट्रिपल राइडिंग, बिना सीट बेल्ट आदि पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। वाहन चालक ज्वालामुखी पुलिस थाना, ट्रैफिक कंट्रोल रूम, एसडीपीओ कार्यालय में चालान का भुगतान कर सकते हैं। सात दिन के अंदर भुगतान न करने पर चालान न्यायालय में भेज दिया जाएगा। इस सिस्टम का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा चालान करना नहीं, बल्कि लोगों को यातायात नियमों के प्रति अनुशासित करना है।शुरुआत के 15 दिनों में इस नए सिस्टम की जागरूकता के लिए अभियान चलाए जाएंगे। उन्होंने सभी चालकों से आह्वान किया है कि यातायात नियमों का पालन कर ज्वालामुखी शहर को ट्रैफिक चालान मुक्त शहर बनाने में अपना सहयोग दें।