IFFCO काँगड़ा द्वारा किसानों के लिए “गोभी उत्पादक प्रशिक्षण कार्यक्रम” का आयोजन

उज्ज्वल हिमाचल। कांगड़ा

आज इफको काँगड़ा द्वारा काँगड़ा में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में सूबे की काँगड़ा, रैत एवं धर्मशाला क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों के लिए नैनो उर्वरकों के उपयोग हेतु “गोभी उत्पादक प्रशिक्षण कार्यक्रम ” का आयोजन किया गया। 90 प्रगतिशील किसानों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। जिसमें मुख्य रूप से महिला किसानों की भागीदारी रही। कार्यक्रम में मुख्य रूप से किसानों को आगामी गोभी नुमा फसलों में इफको द्वारा निर्मित विश्वप्रथम नैनो उर्वरकों जैसे : नैनो यूरिया तरल एवं नैनो DAP सहित सागरिका एवं जल घुलनशील उर्वरकों के इस्तेमाल बावत जानकारी प्रदान की गयी।

कार्यक्रम में इफको के क्षेत्र अधिकारी श्रेय सूद सहित परविंदर सिंह, कृषि विज्ञान केंद्र काँगड़ा के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. संजय शर्मा एवं सस्य वैज्ञानिक डॉ. डीप कुमार एवं कृषि विभाग से काँगड़ा खंड के विषय वाद विशेषज्ञ डॉ. राम चंद एवं डॉ. शानू उपस्थित रहे। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को मुख्य रूप से इफको द्वारा विश्व प्रथम निर्मित तरल नैनो यूरिया एवं हाल ही में भारत सरकार द्वारा स्वीकृत नैनो डीएपी पर विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की गयी।

नैनो यूरिया आधुनिक तकनीक द्वारा निर्मित एक तरल उत्पाद है और आम यूरिया खाद का एक पर्यावरण हितैषी विकल्प है। शिविर में आये किसानों ने नैनो यूरिया के इस्तेमाल के अनुभव भी सभी से सांझा किए एवं अन्य किसानों को भी इसके इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया। कृषि विभाग एवं कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों ने भी इफको के इस कदम को सराहा और किसानो को लीक से परे हट कर विविधीकरण अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

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एक बोतल इफको नैनो DAP (तरल) की किसानो को 600 रूपए में अपनी सहकारी समिति के माध्यम से उपलब्ध होगी जो की पारम्परिक NPK/DAP खाद की खपत को लगभग आधा कर देगी। इफको नैनो DAP नैनो टेक्नोलॉजी से निर्मित एक अनोखा उत्पाद है जो कि बीज/जड़ उपचार एवं पोधो के ऊपर छिड़काव करके इस्तेमाल किया जाता है और ये पारम्परिक NPK/DAP की तुलना में ज़्यादा प्रभावशाली उत्पाद है और पर्यावरण हितैषी भी है।

पारम्परिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग के कारण होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए नैनो DAP एक बेहतर विकल्प है। एवं प्रतिभागी किसानों को इफको द्वारा अपने नीम वृक्षारोपण अभियान के तहत नीम के पौधे भी आवंटित किए गए एवं बिओडोमपोसर भी प्रदान किया गया।

ब्यूरो रिपोर्ट कांगड़ा

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