भाजपा के संगठन मंत्री के लिए नियम ताक पर रखकर निकाल दी सडक़

ज्वालामुखी के लगडू में 80 परिवार दरकिनार, वन भूमि से काटे सैकड़ों पेड़

उज्जवल हिमाचल। ज्वालामुखी

विधायक और योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला से तनातनी के चलने के बाद भाजपा के संगठन मंत्री पवन राणा फिर नए विवाद में घिर गए हैं। लोगों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी की वन भूमि में बनाई गई सडक़ में फायदा हुआ सिर्फ भाजपा के संगठन मंत्री को हुआ है। गौरतलब है कि ज्वालामुखी के लगडू में लोक निर्माण विभाग ने दबंगई से वन भूमि से ही नई सडक़ का निर्माण किया। जिसमें दर्जनों चीड़ के पेड़ों की बलि दी गई। वन विभाग इसे खजूर के पेड़ बता रहा है। लेकिन न तो वह विभाग के अधिकारी मुंह खोल रहे हैं और न ही पीडब्ल्यूडी के। यहां निर्माण बाबा बडोह से लगडू तक नई सडक़ का हो रहा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर सडक़ बनाने की एनओसी किसने जारी की। अगर एनओसी नहीं है तो यह सडक़ कैसे बनी। उधर ग्रामीणों द्वारा यह भी बताया जा रहा है की यह सडक़ भाजपा के संगठन मंत्री पवन राणा के घर से होकर जाती है। इसलिए इतनी जल्दी नियमों को दरकिनार करते हुए सडक़ व पुल का निर्माण हो गया। वहीं दूसरी तरफ खफा ग्रामीण बुजुर्ग का कहना है कि वह यहां काले पानी की सजा काटने को मजबूर हैं।

1998 से प्रस्तावित है सडक़ व पुल का निर्माण

इस पूरे प्रकरण में लगडू के ही तली व खडिय़ाना गांव के लोग भी प्रदेश सरकार से नाराज हो गए हैं। यहां 1998 से प्रस्तावित सडक़ व पुल का निर्माण न करते हुए पीडब्ल्यूडी ने नया रोड़ निकाल दिया। जिससे लगभग 80 परिवारों को फायदा पहुंचाने वाला रोड़ न बनाकर विभाग ने सिर्फ एक परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए दर्जनों पेड़ों को काट डाला। वहीं अब इस पूरे प्रकरण को ज्वालामुखी भाजपा विवाद से भी जोडक़र देखा जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि तली व खरियाना गांव के लोग विधायक रमेश धवाला के समर्थक हैं इसलिए उनको यह खामियाजा भुगतना पड़ा। रमेश धवाला और पवन राणा के बीच की जंग को आज पूरे तीन साल हो गए। वहीं राणा समर्थक भी धवाला को जनविरोधी बता रहे हैं। इधर धवाला भी चुप है तो उधर राणा भी मौन धारण किए हुए हैं।

लोगों का कहना है कि सडक़ और पुल न होने की बजह से बच्चों को बरसात के दिनों में स्कूल भेजने में काफी दिक्कत होती है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग बोल रहे हैं कि यह सडक़ इसलिए नहीं बनाई की फारेस्ट में आती है, लेकिन जो दूसरी सडक़ बनाई वो भी वन भूमि है वहां सडक़ कैसे बन गई।

आरएसएस कार्यकर्ता सुशील शर्मा ने हिमाचल प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि यूं तो सरकार बजट का रोना रोती है। उन्होंने कहा कि यहां सरकार ने केवल एक व्यक्ति के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर दिए। उन्होंने कहा कि जो सडक़ बडोह से बन रही है यह खडिय़ाना गांव से होकर जाएगी और सडक़ व पुल का सर्वे भी पुराना हो चुका था। सुशील शर्मा ने कहा कि भाजपा के संगठन मंत्री पवन राणा को लाभ पहुंचाने के लिए हिमाचल सरकार ने उस सर्वे को पलट दिया। वहीं अब संगठन मंत्री के घर के सामने पुल व सडक़ बनाई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ 80 परिवारों के गांव को दरकिनार कर दिया व एक परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए सडक़ व पुल भी बदल दिया गया।