वैश्वीकरण के युग में भारत प्रगति के पथ परः डॉ. प्रदीप कुमार, अर्थशास्त्री

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

वैष्वीकरण के युग में भारत निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। वास्तव में आई.एम.एफ. एवं एस.बी.आई. की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार सन् 2027 तक भारत पांचवी से तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य प्राप्त कर लेगा। इसका कारण यह है कि भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुये विष्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में पांचवां स्थान प्राप्त कर लिया है।

ऐसा नवीनतम आंकड़ों से प्रतीत होता है जैसे कि सन् 2022 में अमेरिका 25464/- अरब डॉलर के साथ पहला स्थान, चीन 18100/- अरब डालर के साथ दूसरा स्थान, जापान 4234/- अरब डॉलर के साथ तीसरा स्थान, जर्मनी 4075/- अरब डॉलर के साथ चतुर्थ स्थान तथा भारत 3399/- अरब डालर के साथ पांचवें स्थान पर कायम है।

जहां तक विष्व अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी की बात की जाये तो ज्ञात होता है कि भारत की हिस्सेदारी सन् 2022 में 3.5 प्रतिशत थी जोकि 2027 में बढ़कर 4 प्रतिशत हो जायेगी। इस बढ़ौतरी के साथ ही भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम होगा।

ऐसा अनुमान है कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद 2027 तक 8 प्रतिशत से अधिक होगा तथा भारत अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा। वास्तव में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि के कारण ही भारत ने विष्व अर्थव्यवस्था में 2015 में सातवां, 2019 में छठा तथा 2022 में पांचवा स्थान प्राप्त किया है।

इसका तात्पर्य यह है कि सन् 2015 से 2019 तक अर्थात 4 वर्षो में भारत ने एक पायदान उपर अर्थात सॉंतवे से छठा स्थान तथा सन् 2019 से 2022 तक 3 वर्षो में छठे से पॉंचवा स्थान ग्रहण किया है। इससे यह प्रतीत होता है कि अगले पॉंच वर्षो में 2022 से 2027 तक अर्थात पहले ढाई वर्षो में भारत चौथे स्थान तथा अगले ढाई वर्षो में तीसरे स्थान पर पहुॅंच जायेगा।

परन्तु यह स्थान हासिल करने के लिये तीनों क्षेत्रों प्राथमिक अर्थात कृषि एवं सहायक क्रियाओं, द्वितीयक अर्थात उद्योगों एवं तृतीयक अर्थात सेवा क्षेत्रों के विकास हेतु बड़े धक्के के सिद्वांत के अनुसार बड़े पैमाने पर पर्याप्त निवेष करने की आवष्यकता होगी। इसके साथ ही विभिन्न देशों से अच्छे सम्बंध बनाने के साथ उन्हे अपने देश में विभिन्न सुविधाएं देनी होगी। ताकि भारत में प्रत्यक्ष विदेश निवेश को अधिक से अधिक आकर्षित किया जा सके।

निवेश के बाहरी स्त्रोतों के साथ आन्तरिक स्त्रोतों पर भी फोकस करना चाहिए। इसके अतिरिक्त ग्रामीण औद्यौगीकरण की ओर विषेष ध्यान देने की आवष्यकता है ताकि खाली समय में रोजगार प्रदान करके किसानों की आय को दुगना किया जा सकेे। परिणामस्वरूप वे आत्मनिर्भर बन सकें तथा आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करने में अपना पूर्ण योगदान दे पायें।

इसके साथ ही काले धन की समाप्ति तथा भ्रष्टाचार का अंत करने के लिए सरकार को हर सम्भव प्रयास करने चाहिए। सबसे बढ़कर मुफ्त प्रलोभन के स्थान पर जन समुदाय को विभिन्न आर्थिक क्रियाओं में सलंग्न करना चाहिए क्योंकि मेहनती और ईमानदार लोगों के सहयोग से ही उच्च आर्थिक विकास दर प्राप्त करते हुये भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।

अतः भारत सरकार को विभिन्न क्षेत्रों में एक बड़ा निवेष करने की आवष्यकता होगी तथा इसके साथ विभिन्न राज्योें को भी साथ लेकर चलना होगा क्योंकि विभिन्न राज्यों की भागीदारी से भारत उच्च आर्थिक विकास दर को प्राप्त करते हुये विष्व अर्थव्यवस्था में तीसरा स्थान प्राप्त करने में सक्षम हो पाएगा।

ब्यूरो रिपोर्ट कांगड़ा

हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल के फेसबुक पेज को फॉलो करें।