बदहाली के आंसू बहा रहा जयसिंहपुर का ऐतिहासिक मैदान

 अजीत वर्मा । जयसिंहपुर
सरकार द्वारा स्वत्छ्ता तथा ऐतिहासिक धरोहरों को संजो कर रखने के बड़े बड़े दावे जयसिंहपुर में आकर हवा हो जाते हैं । आज हम बात कर रहे हैं जयसिंहपुर के ऐतिहासिक मैदान की जिसका बजूद सासन प्रसासन की अनदेखी के कारण खतम होने के कगार पर है ! हालांकि मैदान का इस्तेमाल हर छोटे बड़े आयोजन में किया जाता है जहां से मोटी कमाई की जाती है लेकिन बात जब इसको संजो कर रखने की आती है तो सासन प्रसासन अपनी जिमेदारी से भागता दिखाई देता है । मैदान में कुछ पल बैठकर इंसान अपने तनाव को भूलने की कोशिश करता है लेकिन मैदान की हालत देखकर तनाव और बढ़ जाता है । मैदान गाड़ियों के आने जाने से गड्डे बने हुए हैं जिनमें पानी भर जाने से आसपास कीचड़ फैला हुआ है । कीचड़ की बदबू से सैर करने आने वालों तथा आस पड़ोस के घरों में रहने वालों को परेसानी झेलनी पड़ रही है। मैदान में वेसहरा में इधर से उधर घूमते देखे जा सकते हैं जिनका गोबर मैदान में चारों तरफ फ़ैला हुआ है । मैदान को संजोने के स्थान पर कंक्रीट के मैदान में बदला जा रहा है जनता की सुविधा देना तो दूर की बात है ।
पिछले दिनों जयसिंहपुर में मुख्यमंत्री के आगमन के दौरान कंक्रीट का हेलीपेड बनाने के लिए मैदान को खोदकर गड्डा कर दिया गया लेकिन उस गड्डे को सही तरीके से भरा नहीं गया। प्रशासन का जब दिल कर्ता है जहां दिल करता है वहां पर मैदान को खोदना शुरू कर देता है जिस कारण सैर करने वाले तथा रात के समय लोगों को परेशानी का सामना करना पड रहा है । मैदान के एक तरफ स्टेडियम बनाया गया है वह भी आधा अधूरा की बना है मैदान की इस तरह की दुर्दशा विगत कई वर्षों से चली आ रही है लेकिन आज तक भी इस मैदान को संवारने, इसका वजूद बचाने के लिए किसी ने सुध तक नहीं ली । मैदान पर आए दिन गंदगी का आलम बना रहता है जिससे मैदान की सुंदरता पर गंदगी का ग्रहण लग रहा है । लोग गाडियों को मैदान में ले जाते हैं । सुबह शाम टहलने वालों को गंदगी के साथ साथ बदबू का भी सामना करना पड़ रहा है ।