डाडासीबाः संजय पराशर ने कहा है कि नीति और नीयत में खोट के कारण ही आज तक जसवां-परागपुर शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। सच यह भी है कि जब नीयत साफ होती है, तो समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के लिए नीतियां भी सही बनती हैं, लेकिन विडंबना यह है कि क्षेत्र के गरीब वर्ग को उनके हाल पर छोड़ दिया गया।
सोमवार को गंगोट, रोड़ी-कोड़ी, लडियाड़ा अप्पर भलवाल और गंगोट पंचायतों में आयोजित कार्यक्रमों में जनसंवाद करते हुए कैप्टन संजय ने कहा कि जब प्रतिनिधित्व करने वालों की नीयत नेक होती है, तो सबको एक समान नजर से देखा जाता है और न तो फिर कहीं दोहरा रवैया अपनाने की आवश्यकता होती है और न ही किसी के साथ भेदभाव करने की जरूरत। अटल सत्य यह भी है कि नीयत साफ हो नियति भी साथ देती है।
पराशर ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में स्टाफ की कमी, स्वास्थ्य संस्थानों में दवाईयों व मेडीकल उपकरणों का टोटा और बेरोजगारी जैसी समस्याएं राजनीति का मूल होना चाहिए और लोगों के मुद्दे सार्वजनिक चर्चा का मुख्य विषय होने चाहिए। बावजूद आम जनमानस की दुख-तकलीफों के बारे में कोई बात करने को ही तैयार नहीं है।
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चुनावी मौसम में भ्रामक मुद्दे उछालकर और इमोशनल कार्ड खेलकर अब आम जनता को भ्रमित नहीं किया जा सकता। संजय ने कहा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र के अति निर्धन परिवारों के सदस्य पिछले लंबे समय से आवास योजना के तहत ग्रांट मिलने का इंतजार करते रहे। कई मकानों की छत्तें जर्जर हालत में पहुंच गईं।
गरीब लाचार व बेवस है, लेकिन शायद उनको तरस नहीं आया। जिन पर जनकल्याण योजनाओं को जमीन पर उतारने का जिम्मा दिया गया था। पराशर ने कहा कि खोखले नारों व झूठे वादे करने वालों से यह सवाल पूछना चाहिए कि उन्होंने क्षेत्र की बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए क्या प्रयत्न किए।
संजय ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों की हालत भी किसी से छिपी नहीं है। अब भी गांव में कोई गरीब परिवार से कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो फिर उसका भगवान ही रखवाला होता है। सुदूर गांवों से मरीज को पहले मुख्य सड़क तक पहुंचाना मुश्किल कार्य होता है। उसके बाद एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक रेफर होने का सिलसिला शुरू हो जाता है। संजय ने कहा कि बीमारी की वजह से मरीज का परिवार आर्थिक रूप से इतना अक्षम हो जाता है कि फिर उन लोगों को दोबारा से जीवन को सामान्य स्तर पर लाने के लिए कठिन संघर्ष का सामना करना पड़ता है।
पराशर ने कहा कि अगर उन्हें क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलता है तो वह क्षेत्रवासियों की किसी भी समस्या के समाधान के लिए दिन-रात संचालित होने वाले विधायक सेवा केंद्र की शुरूआत करेंगे। रोजगार उनके विजन में सबसे पहले आता है क्योंकि अगर किसी व्यक्ति के पास अच्छी नौकरी होगी तो वह खुद, परिवार और समाज के लिए योगदान दे सकता है। संजय ने कहा कि शिक्षा और गरीबी उन्मूलन को लेकर भी अनथक प्रयास करेंगे।
डाडासीबा ब्यूरो।
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