जानें कालसर्प दोष के उपाय

उज्जवल हिमाचल। डेस्क….

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में काल सर्प दोष का निर्माण राहु एवं केतु की स्थिति पर निर्भर करता है। आज भाद्रपद मास की अमावस्या है, आज का दिन कालसर्प दोष के निवारण के लिए उत्तम माना जाता है। जाने क्या होता हैं कालसर्प दोष इसके निवारण का क्या उपाय होता है।

  • क्या है कालसर्प दोष

व्यक्ति के जन्मांग चक्र में राहु और केतु की स्थिति आमने सामने की होती है। दोनों 180 डिग्री पर रहते हैं। यदि बाकी सात ग्रह राहु केतु के एक तरफ हो जाएं और दूसरी ओर कोई ग्रह न रहे, तो ऐसी स्थिति में कालसर्प योग बनता है। इसे ही कालसर्प दोष कहा जाता है। इस लिए कालसर्प योग का निर्धारण करते समय हमें अत्यंत सावधानी बरतनी चाहिए।

  • कालसर्प योग के लक्षण

जातक को प्रायः स्वप्न में सर्प का दिखाई देना। अत्यधिक परिश्रम के बाद भी कार्यों में मन मुताबिक सफलता न पाना। मानसिक तनाव से ग्रस्त रहना। सही निर्णय न ले पाना। कलहपूर्ण पारिवारिक जीवन। गुप्त शत्रुओं का होना। कार्य में बाधा।

  • कालसर्प दोष निवारण उपाय

शिवलिंग पर मिश्री एवं दूध अर्पित करना चाहिए। साथ ही शिव तांडव स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करना श्रेष्ठ रहता है। कालसर्प दोष का सर्वोत्तम उपाय श्रावण मास में भगवान शिव का रुद्राभिषेक कराना है। जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष है, उसे श्रावण में रुद्राभिषेक अवश्य कराना चाहिए। बहते हुए जल में चांदी से बने नाग और नागिन के जोड़े को विधि प्रकार प्रवाहित कर दें। अपने घर के पूजा स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण की मोर पंख वाली मूर्ति का प्रतिदिन पूजा करें। कालसर्प दोष निवारण के लिए राहु की शांति का उपाय रात में करें। राहु की पूजा शिव मंदिर में रात में या राहुकाल में करें।