प्रदेश की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना 13 वर्षों बाद भी लटकी अधर में..!

किसानों के लिए हो सकती है वरदान साबित

उज्ज्वल हिमाचल। नूरपुर

हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना निर्माण के लगभग 13 वर्षों के अंतराल में आज भी गंभीर स्थिति हुईं है। वर्ष 1987 में शाहनाहर परियोजना प्रोजेक्ट का उस समय ऐतिहासिक समझौता पंजाब सरकार और हिमाचल के बीच में हुआ था जिसकी प्रारंभिक लागत लगभग 143 करोड़ अनुमानित थी लेकिन लगातार राजनीति उदासीनता और बढ़ती परियोजना लागत के उत्कृष्ट मामले में शहनहर परियोजना राज्य की गंभीर स्थिति में पहुंच गई। परियोजना में देरी से कार्य होने के कारण लागत 390 करोड़ तक पहुंच गई जिसमें फतेहपुर तथा इंदौरा हल्के के 93 गांवों के किसानों की 15290 हेक्टर भूमि को सिंचित किया जाना था।

 

फतेहपुर और इंदौरा हल्के की 390 करोड़ रुपए की महत्वाकांक्षी शाहनहर परियोजना जो क्षेत्र के किसानों के लिए जो वरदान साबित होनी चाहिए थी। इस सिंचाई परियोजना से किसानों की आय भी दुगनी होनी चाहिए थी। प्रदेश की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना निर्माण से 10 से 12 वर्षों के अंतराल के बीच ही धराशाही हो चुकी है जगह-जगह टूट चुकी है चैनल पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। मुख्य नहर गंदगी तथा झाड़ियां से भर चुकी है। सिंचाई के लिए बनाए गए औटलैट निस्ता निवुद हों चुके हैं। सिंचाई के लिए लगाए गए ट्यूबवेल कई वर्षों से बंद पड़े हैं जिनकी हालत अत्यंत खस्ता है। जिस से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हिमाचल प्रदेश सिंचाई परियोजना की सबसे बड़ी प्रोजेक्ट की हालत क्या है।

हालांकि इसका निर्माण कार्य वर्ष 1998 में शुरू हुआ था इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2002 से 2003 तक निर्धारित समय में तैयार किया जाना था लेकिन प्रोजैक्ट निर्धारित समय से 12 साल बाद तैयार किया गया।और इसकी अनुमानित लागत 143 करोड़ से बढ़कर 390 करोड़ तक पहुंच गई। शाहनहर परियोजना में सैंकड़ो ठेकेदारों ने निर्माण कार्य किया। इतना ही नहीं नुरपुर विधानसभा क्षेत्र में बहुचर्चित फीना सिंह परियोजना की भी यही हालात हैं। लोगों ने मुख्यमंत्री को इस मामले व्यवस्था परिवर्तन की याद दिलाते हुए कहा है कि आखिरकार मौजूदा सरकार इस मामले जन हित में कदम उठाने की वजह कोई भी सख्त उठाने से जनहित में आनाकानी कर रही है। दोनों परियोजनाओं पर भारत सरकार का करोड़ों रुपए खर्च हो गए लेकिन इसमें जनता का सपना साकार नहीं हुआ।

संवाददाताः विनय महाजन

ब्यूरो रिपोर्ट शिमला हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल के फेसबुक पेज को फॉलो करें

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