खरोठ घिरथोलि की शान, युवा किसान जायका परियोजना बनी वरदान

कार्तिक। बैजनाथ

प्रदेश कृषि विभाग द्वारा जायका परियोजना इकाई बैजनाथ के तहत चलाई जा रही फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना के अंतर्गत 32 उप परियोजना में फसल विविधीकरण के लिए विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। परियोजना का मुख्य उद्देश्य किसानों का पूरा वर्ष सुनिश्चित सिंचाई उपलब्ध करवाना तथा सब्जी व नकदी फसलों के उत्पादन हेतु प्रेरित करके उनकी आय में बढ़ोतरी करना है। खंड प्रयोजना अधिकारी बनीता सूद ने बताया कि पालमपुर तहसील के गांव खरोट में मकरूहल कूहल इन 32 उप परियोजना में से एक है, जो कि परोर के नजदीक है। इस परियोजना के अंतर्गत 25. 30 हेक्टेयर क्षेत्र आता है।

परियोजना से पहले उप परियोजना क्षेत्र में 90 प्रतिशत कामकाजी आबादी कृषि में व्यस्त थी। किसान गेहूं, धान फसल चक्र के साथ-साथ कुछ क्षेत्र में सब्जी उत्पादन भी कर रहे थे, जिसके लिए पारंपरिक तरीके का प्रयोग किया करते थे, लेकिन कृषि अधिकारियों ने परियोजना की गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने के लिए कृषि विकास संघ का गठन करके इस संघ को सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत करवाया गया। अब किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती बड़ी प्रशिक्षण के साथ अन्य विषयों पर भी समय-समय पर प्रशिक्षण दिया गया, ताकि उनकी आर्थिकी में सुधार हो। इन प्रशिक्षण शिविरों में किसानों को उन्नत किस्म के बीज तथा अन्य कृषि सामग्री भी वितरित की गई तथा प्रदर्शनी प्लॉट भी लगाए गए आधुनिक कृषि प्रणाली अपनाने हेतु विभिन्न कृषि औजार भी दिए गए, जिससे किसान कम समय में ज्यादा काम करके अपनी उत्पाद बढ़ा सकें।

युवा किसानों का खेती की ओर रुझान इस क्षेत्र में मुख्य उपलब्धि है, यहां के युवा एक तरफ तो सब्जी उत्पादन से कमाई कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ अपने पावर वीडर जो कि उन्हें अनुदान में दिए गए हैं। इनसे वे कस्टम हायरिंग द्वारा पैसा कमा रहे हैं। यहां के युवा किसान सम्मू कुमार जिन्होंने पाली हाउस लगाया है का कहना है कि पिछले सीजन में उन्हें 90 हजार रुपए की पनीरी व पाली ट्यूब में लगाए पौधों से कमाए। शमु कुमार ने बताया कि उनके पौधे परचून मात्रा के साथ-साथ अब थोक में भी बिक रहे हैं। गांव में एक अन्य युवा प्रवीण कुमार पॉलीटनल में पनीरी तैयार करें करते हैं तथा उन्होंने भी लगभग 53 हजार रुपए की पनीरी बेची।

गांव के किसान प्रकाश चंद, संजीव कुमार संदीपन कुमार, विनोद कुमार आदि भी सब्जी उत्पादन करके अच्छी आजीविका कमा रहे हैं। प्रकाश चंद के अनुसार सुनिश्चित सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने से सब्जी उत्पादन के साथ-साथ खाद्यानों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है। उनका मुख्य काम खाद्यानो की उत्पादकता में वृद्धि हुई है उनका मुख्य काम खाद्यान्नों के बिक्री का है।

ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु स्वयं सहायता समूह का भी गठन किया गया है तथा उनको भी संगठित कर अपनी आय बढ़ाने के लिए अलग-अलग विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। किसानों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा हेतु किसान मेले प्रदर्शनियों, परिचयात्मक भ्रमण आदि का आयोजन समय-समय पर किया जा रहा है। खंड परियोजना अधिकारी बनीता सूद का कहना है कि मकरूहल कूहल के युवा किसान आसपास के क्षेत्रों के लिए एक मॉडल के रूप में उभर कर आए हैं।