उज्जवल हिमाचल। डेस्क
आषाढ़ अमावस्या 2021 मुहूर्त
आषाढ़ अमावस्या 09 जुलाई को सुबह 05:16 मिनट से आरंभ होकर 10 जुलाई सुबह 06:46 मिनट पर समाप्त होगी।
इन सभी का अपना अलग-अलग महत्व है। साल में 12 पूर्णिमा और 12 अमावस्या होती हैं। कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को अमावस्या पड़ती है। इस दिन चन्द्रमा आकाश में दिखाई नहीं देता है। पृथ्वी के सभी जीव-जंतुओं पर इसका असर पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार, चन्द्रमा को मन का देवता माना जाता है। इस दिन चंद्रमा दिखाई नहीं देता है, जिससे मन में घबराहट बढ़ जाती है।
आषाढ़ अमावस्या की पूजा विधि
इस दिन प्रातःकाल उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। सूर्योदय के समय भगवान सूर्यदेव को जल का अर्ध्य देकर अपने पितरों को याद करना चाहिए। इसी दिन सारे कर्मकांड के साथ पितरों को तर्पण करें और पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्रत रखें। इस दिन जरूरतमंदों की मदद और ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए।
आषाढ़ अमावस्या का महत्व
इस दिन हम अपने पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए श्राद्ध कर्म करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या का बहुत महत्व है। इस दिन हम अपने दान पुण्य कार्य भी करते हैं। इस दिन पूजा पाठ करके हम अपने पितृ दोष से मुक्ति पाते हैं।
सावधानियां
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन किसी भी तरह के तामसिक चीजों को नहीं ग्रहण करना चाहिए। इस दिन सभी तरह की बुराइयों से दूर रहना चाहिए। ऐसा न करने से आपके भविष्य पर बुरा प्रभाव पड़ता सकता है।