बच्चों को स्कूल भेजने से पहले जान लें ये जरूरी नियम

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्ली

कोरोना संक्रमण के दाैरान बीते पांच से अधिक माह से बंद स्कूल सोमवार से फिर खुलने जा रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के तहत 21 सितंबर से 9वीं से लेकर 12वीं के बच्चों के लिए स्कूल खोले जाने को लेकर छूट दी गई है। इस क्रम में कई राज्यों में 21 सितंबर से स्कूल खोलने को लेकर हरी झंडी भी दी जा चुकी है। हालांकि, यह पूरी तरह से अभिभैवकों पर निर्भर करेगा कि वो अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं या नहीं।

इस दौरान स्कूलों में भी सुरक्षा को लेकर कई उपाय अपनाएं जा रहा हैं। छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को शारीरिक दूरी बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। बच्चों को लंच और पानी की बोतल के साथ मास्क और सैनिटाइजर भी अनिवार्य रूप से लाना होगा। मार्च से ही बंद पड़े स्कूलों को खोलने को लेकर अनलॉक-4 में भी कुछ सहूलियतें दी गई हैं। इसके तहत 21 सितंबर से राज्य और केंद्र शासित प्रदेश स्कूलों में 50 फीसद टीचिंग स्टाफ को स्कूल आने की अनुमति दे सकते हैं। इस दौरान कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्र अभिभावक की सहमति के बाद शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने स्कूल जा सकेंगे।

वैसे स्कूलों, कोचिंग सहित दूसरे सभी शैक्षणिक संस्थानों को 30 सितंबर तक बंद रखा गया है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने इस बीच अपने स्कूलों को पांच अक्टूबर तक बंद रखने की घोषणा की है। इस बीच, केंद्रीय विद्यालयों की ओर से अभिभावकों को स्कूल खोलने का पूरा प्लान भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि अभिभावक स्वेच्छा से अपने बच्चों को स्कूल भेजें। बच्चों को विद्यालय से लाने और ले जाने की पूरी जिम्मेदारी अभिभावकों की खुद होगी।

केंद्रीय विद्यालयों से जुड़े शिक्षकों का कहना है कि किसी भी बच्चे पर स्कूल आने का कोई दबाव नहीं होगा। हालांकि, जो आना चाहते है, उन्हें फोन करके और किस संबंध में आ रहे हैं, इसकी जानकारी पहले देनी होगी। इसके तहत 11वीं और 12वीं के बच्चों को सिर्फ सोमवार और मंगलवार आना है। 10वीं के बच्चों को बुधवार और गुरुवार को और नौवीं के बच्चों को शुक्रवार-शनिवार को आना है।