ओमिक्रान के खिलाफ उपयोगी साबित हो सकता है ‘लेबोरेटरी डाटा’ : WHO

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के पैनल ने गुरुवार को कहा कि कोरोना के नए वैरिएं के खिलाफ मौजूदा टीकों की प्रभावशीलता पर प्रारंभिक प्रयोगशाला डेटा उपयोगी है, लेकिन यह अभी ये साफ नहीं है कि ये कितने प्रभावी होंगे। गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज कर रहे हैं। बता दें कि यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कहा जा रहा है, जिस शख्स ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ली हुई है, उसको छह महीने तक ओमिक्रान का खतरा कम है। दुनियाभर में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ‘ओमिक्रान’ का खतरा लगातार बढ़ रहा है।

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ऐसे में इससे निपटने के लिए सभी देश अपने स्तर पर तैयारी में जुटा हुआ है। अब दुनिया भर में ओमिक्रान वैरिएंट प्रसार के बीच संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी की तरफ से कहा गया है कि नए वैरिएंट के खिलाफ प्रारंभिक प्रयोगशाला डेटा उपयोगी है, लेकिन यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि ये कितने प्रभावी होंगे। डब्ल्यूएचओ में टीकाकरण, टीके और जैविक विज्ञान विभाग के निदेशक डॉ केट ओ’ब्रायन ने कहा, ‘निष्क्रियता डेटा में एक आधार है, लेकिन यह वास्तव में नैदानिक ​​डेटा है, जो ओमिक्रान से लड़ने में सहायता प्रदान कर सकता है।