लद्दाख काे मिला अपना मौसम विज्ञान केंद्र, उद्धाटन कल

उज्जवल हिमाचल। श्रीनगर

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का अब अपना मौसम विज्ञान केंद्र होगा। केंद्रीय विज्ञान और प्रोद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन कल मंगलवार को वर्चुअल मोड के माध्यम से औपचारिक रूप से इस केंद्र का उद्घाटन करेंगे। जम्मू-कश्मीर मौसम विभाग के निदेशक सोनम लोटस ही स्थायी व्यवस्था होने तक लेह केंद्र का प्रभार संभालेंगे। मौसम विभाग के अनुसार जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद मौसम विज्ञान केंद्र का अलग होना अनिवार्य था। यही वजह है कि लेह में अलग केंद्र स्थापित किया गया है। वहीं, निदेशक सोनम लोटस ने कहा कि लेह में लग से मौसम विज्ञान केंद्र स्थापित होने पर स्थानीय लोगों को इसका अधिक लाभ मिलेगा। वैज्ञानिक अब और बेहतर ढंग से लेह पर काम कर पाएंगे।

उन्होंने उम्मीद जताई कि श्रीनगर और लेह केंद्र आपसी तालमेल में काम करेंगे। लोटस ने कहा कि अब तक मौसम वैज्ञानिक लेह में बेहतर ढंग से काम नहीं कर पाते थे। हालांकि मौसम अवलोकन और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली को प्रभावी बनाने पर काम चल रहा था। अब जबकि लेह में ही केंद्र स्थापित किया गया है। यहां स्थानीय कर्मचारियों, वैज्ञानिकों की नियुक्ति होने पर वे बेहतर काम कर पाएंगे। यह केंद्र लद्दाख के दूरदराज के पहाड़ी इलाकों के लिए मौसम के पूर्वानुमानों को ट्रैक करने में मदद करेगा। नुब्रा, ज़ांस्कर जैसे क्षेत्रों में पहले से उचित पूर्वानुमान नहीं है, परंतु अब वह भी संभव होगा। बदलते मौसम के साथ जलवायु परिवर्तन से लद्दाख पर प़ड़ने वाले प्रभाव को अब बेहतर ढंग से जाना जा सकेगा। इस स्टडी से स्थानीय लोगों को काफी लाभ पहुंचेगा।

उन्होंने दावा किया कि लेह का मौसम विज्ञान केंद्र देश में ही नहीं, बल्कि विश्व में अत्याधुनिक सबसे उच्चतम मौसम केंद्र में शामिल होगा। यह केंद्र वास्तविक समय के आधार पर सभी प्रकार के मौसम और जलवायु संबंधी जानकारी प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि इी साल मार्च में केंद्र बनाने का निर्णय लिया गया और केंद्र ने मई में इसकी इजाजत दे दी। लद्दाख एक रणनीतिक और भू-राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है, इसीलिए आवश्यक जमीनी सर्वेक्षण किए गए और भवन निर्माण के लिए भूमि का अधिग्रहण किया गया।

लोटस ने बताया कि फिलहाल यह केंद्र एक अस्थायी इमारत से काम करेगा, लेकिन जल्द ही हमारे पास एक नया भवन होगा। उन्होंने कहा कि लेह में चल रहे मौजूदा ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन (AWS) के अलावा, IMD निकट भविष्य में अपने नेटवर्क को मजबूत करेगा। IMD नेटवर्क को मजबूत करने के अलावा AWS को और विस्तारित किया जाएगा। इसके लिए कारगिल, द्रास, पैंगोंग त्सो, ज़ांस्कर और नुब्रा जैसे प्रमुख स्थानों पर कम से कम 10 अतिरिक्त AWS लगाने की आवश्यकता है।