कैप्टन संजय से मुलाकात बन गई शुभम की जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट

-राजनीति में अनमोल समय गंवाने वाले युवा को पराशर ने दिलाया रोजगार

Meeting with Captain Sanjay became the turning point of Shubham's life
कैप्टन संजय किसी फरिश्ते से कम नहीं!

संसारपुर टैरस। रोजगार की तलाश में हताश व निराश हो चुके घमरूर पंचायत के बरनाली गांव के शुभम ठाकुर के लिए कैप्टन संजय किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। पराशर से हुई मुलाकात इस युवक की जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट बन गई। 8 सितंबर को शुभम समुद्री जहाज पर चला गया है। रविवार को वह श्रीलंका से कतर को जा रहा है। शुभम ने पराशर का आभार जताते हुए कहा कि अगर पराशर न मिलते तो आज भी वह नौकरी के लिए सड़कों पर घूम रहा होता।

दरअसल शुभम एक राजनीतिक दल का प्रखर व समर्पित कार्यकर्ता रहा है। उसने अपने जवानी के चार वर्ष उक्त पार्टी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया और आम जनता की सेवा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बावजूद 25 वर्ष की आयु होने तक वह किसी भी क्षेत्र में रोजगार हासिल नहीं कर पाया। हालांकि शुभम ने काफी प्रयास किए, लेकिन कहीं भी सफलता हासिल नहीं हुई।

नौकरी प्राप्त न करने का दर्द उसे अंदर ही अंदर सता रहा था। इसी बीच गत वर्ष दिसंबर में घमरूर पंचायत में जब संजय जनसंवाद कार्यक्रम में पहुंचे तो शुभम ने बैठक खत्म होने के बाद अपनी सारी बात पराशर के आगे रख दी। कैप्टन संजय ने इस युवक की मानसिक परिस्थिति को पढ़ने के बाद यह भरोसा दिलाया कि उसे नौकरी दिलवाने का प्रयास करेंगे। इसके बाद पराशर ने शुभम को अंग्रेजी विषय पर ध्यान देने को कहा, लेकिन काफी समय पहले पढ़ाई छोड़ चुके इस युवा के भविष्य में यह भाषा बाधा बन रही थी।

ऐसे में चैन्नेई से संजय ने शुभम को अपने खर्च पर स्पेशल कोचिंग दिलवाई। अंतत: शुभम का चयन मर्चेंट नेवी में जीपी रेटिंग कोर्स के लिए हो गया तो संजय ने भी अपना वादा निभाते हुए इस युवक को अपनी कंपनी से नौकरी का स्पांसरशिप लैटर जारी करवा दिया। जब जीपी रेटिंग कोर्स करने के बाद शुभम वापिस घर पहुंचा तो पराशर ने तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शुभम को जहाज पर भेज दिया।

शुभम की माता सुषमा देवी का कहना था कि संजय पराशर निस्वार्थ भाव से आम जनमानस की सेवा कर रहे हैं। चूंकि पराशर भी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं, ऐसे में वह उनके बेटे के राजनीतिक अनुभव का फायदा लेते हुए चुनाव के बाद भी नौकरी पर भेज सकते थे। लेकिन संजय ने अपने निजी हिताें की बजाय उनके बेटे के भविष्य को पहले देखा। देवी ने कहा कि पराशर जैसा व्यक्तित्व मिलना पूरे क्षेत्र के लिए सौभाग्य की बात है।

वहीं, शुभम ठाकुर ने बताया कि पराशर जो प्रदेश व जसवां-परागपुर के युवाअों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवा रहे हैं, ऐसा कार्य न तो आज से पहले हुआ और न ही कोई और कर सकता है। घमरूर पंचायत के इस युवक ने उसे रोजगार देकर जिंदगी बदलने के लिए पराशर का धन्यवाद व्यक्त किया है।

संजय पराशर का इस संदर्भ में कहना था कि जसवां-परागपुर क्षेत्र का युवा हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकता है। मुद्दा सिर्फ यह है कि युवा वर्ग को खुद को साबित करने का मौका प्रदान किया जाए। वह इस दिशा में लग्न व पूरी मेहनत से लगे हुए हैं और उम्मीद है कि आने वाले समय में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।

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