उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। शिमला
आने वाले बजट सत्र 2020-21 के मद्देनजर हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार आज जिला कांगडा के रैहन मे ं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिले। उन्होंने जयराम ठाकुर को आउटसोर्सकर्मचारियों की मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। शैलेंद्र कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में लगभग पिछले 10-15 साल से विभिन्न सरकारी विभागों, निगमों, बोर्डों, योजनाओं एवं कार्यालयों में आउटसोर्स आधार पर हजारों कर्मचारी अपनी सेवांए दे रहे है। ये कर्म चारी सरकार के दूसरे नियमित कर्मचारियों के साथ बराबर काम करने के साथ-2 दिए गए पद के सभी कार्य संभालते हंै। जब बात वेतन एवं सुविधांओं की आती है तो हमेशा स े ही हम सब सौतेला व्यवहार एवं शोषण झेल रहे है। जहां उसी काम या पद को संभालने के लिए एक नियमित कर्मचारी को 40-50 हजार रू का वेतन मिलता है वहीं उसी काम तथा पद का कार्य संभालने के लिए आउटसोर्स कर्मचारियों को 6 से 8 हजार रू मिलते है। उसके लिए भी आधा महीना तरसती निगाहों से इंतजार करना पड़ता है। इस समय अधिकतर कर्मचारियों का वेतन न्यूनतम वेतन दर से भी कम है। उन्होने यह भी मुख्यमंन्त्री को बताया कि इन्सान के जीवन में सबसे महत्वप ूर्ण समय 21 वर्ष से शुरू हा ेकरलगभग 35 वर्ष तक होता है।
किसी भी व्यक्ति या परिवार का जीवन इन 10-15 वर्षों पर निर्भर करता है क्योंकि ये वह समय होता है जब हम अपनी शिक्षा के बाद स्वतंत्र रूप से ऐसा व्यवसाय या काम चुनते है जो हमें सामाजिक तथाआर्थिक रूप से सुद ृड ़ बनाकर सम्मानजनक जीवन देता है। इतने महत्वपूर्ण साल बिताने के बाद में चयन आयोग से उसी पद को स ंभालने के लिए एक कर्मचारी नियुक्त होता है और पिछले 10-15 वर्षों से ईमानदारी से बिना किसीस्वार्थ के काम कर रहे कर्मचारी को घर बैठने पर मजबुर होना पड ़ता है। उस वक्त न तो उसकी उम्र इस लायक होतीहै कि वो कुछ नया कर सके और न ही कोई दूसरा साधन मिलता है। यह बात चिंतनीय है कि अपने जीवन के महत्वप ूर्ण 5-10 वर्ष किसी कार्यालय या संस्था को देने के बाद भी व्यक्ति को एक सम्मानजनक जीवन नहीं मिलता फिरजीवनयापन के लिए दर-दर की ठोंकरे खानी पड़ती है। आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ ने सभी कर्मचारियों, उनके परिवारों तथा हिमाचल को युवाओं के हित को देखते हुए मांग की है कि आउटसोर्स प्रथा को बंद किया जा सके, जिससे कोई भी युवा अपनी जिंदगी के महत्वपूर्ण साल युं ही नाम मात्र के वेतन के लिए खर्च कर दें। उन्होंने मांग की है कि जो कर्मचारी इस समय विभाग में है उन्हे ं वरियता के आधार पर या आने वाली भर्ति यों में कोटे के माध्यम से विभाग में लिया जाए। अन्य मांगों में समय पर वेतन, नौकरी कीसुरक्षा, समान काम समान व ेतन इत्यादि शामिल है। जयराम ठाकुर ने ज्ञापन को कनसीडर करते हुए इस पर विचार करने का आश्वासन दिया। महासंघ के हजारों कर्मियों ने उम्मीद जताई है कि आने बजट सत्र में मुख्यमंत्री इन मांगों को पूरा करके सभी कर्मचारियों एंव उनके परिवारों के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आएंगे।