मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा 4th क्लास कर्मी

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

किसी भी परिवार को अपने एकमात्र सहारे से एक ही उम्मीद होती है कि वह रात-दिन मेहनत कर उनका पालन पोषण कर रहा है, लेकिन वहीं सहारा जब मानसिक प्रताड़ना से गुजर रहा हो तो उस परिवार पर क्या बितती होगी। ऐसा ही एक हैैैरान कर देने वाला मामला मंडी जिला के सुंदरनगर स्थित राजकीय बहुतकनीकी कॉलेज में सामने आया है। जहां चपरासी के पद पर तैनात एक युवक और उसके परिवार को लगभग एक वर्ष से झूठी व बेबुनियाद शिकायतों के कारण मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है।

सुंदरनगर के निहरी क्षेत्र से संबंधित इस परिवार का एकमात्र सहारा निखिल बीटेक क्वालीफाई होने के बावजूद चपरासी के पद कार्य कर अपने घरवालों का पेट पाल रहा है, लेकिन इसी कालेज में कार्यरत एक महिला कर्मचारी द्वारा बार-बार इसे और इसके परिवार को झूठी व बेबुनियाद शिकायतों को आधार बनाकर मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है। इस मामले में सबसे हैरानी की बात यह है कि पीड़ित युवक को न्याय दिलवाने की बजाए तकनीकी शिक्षा के उपनिदेशक और संस्थान के प्रिंसिपल द्वारा भी धमकाया जा रहा है।

इन सबके इस प्रकार के व्यवहार के कारण पीड़ित निखिल द्वारा अपनी नौकरी से रिजाइन देने का मन बना लिया गया है। वहीं, निखिल ने अपनी व्यथा यूट्यूब के माध्यम से भी जगजाहिर की है। निखिल का कहना है कि संस्थान व तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा उक्त महिला कर्मचारी की हरकतों को छुपा कर इनकी गलतियों को और ज्यादा बढ़ावा देकर उन्हें बेबजह मानसिक और
दिमागी तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है। अब हर जगह से हार जाने के बाद निखिल ने हताश होकर प्रदेश सरकार व तकनीकी शिक्षा मंत्री से मामले की गहनता से जांच कर उन्हें इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई है।

क्या है निखिल के आरोप
पीड़ित निखिल ने कहा वह राजकीय बहुतकनीकी संस्थान सुंदरनगर में पिछले एक वर्ष से चपरासी के पद पर कार्यरत है और विभाग द्वारा संस्थान के नजदीक ही रहने के लिए सरकारी आवास दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस सरकारी आवास में वे अपने परिवार के साथ रहते हैं, लेकिन उनके पड़ोस में रहने वाली एक महिला कर्मचारी लड़ाई के उद्देश्य से उन्हें परेशान करती है और यह महिला पहले वहां पर आस-पास रहने वाले लोगों के साथ कई बार लड़ाई-झगड़ा, अभद्र व्यवहार और गाली गलौज कर चुकी है। निखिल ने कहा कि उक्त महिला सभी लोगों की झूठी शिकायतें संस्थान के उच्च अधिकारियों से कर उन्हें इस आवासीय कॉलोनी से निकाल देती है, जबकि महिला क्लास-3 कर्मचारी होने के बावजूद क्लास-4 कर्मचारियों के लिए बने आवास में रहती है।

उपायुक्त व पुलिस के पास भी पहुंचा मामला
निखिल ने कहा कि कुछ महीनों पहले उक्त महिला कर्मचारी द्वारा उनके साथ लड़ाई-झगड़ा कर उनकी शिकायत संस्थान के उच्च अधिकारी को कर दी, लेकिन मामला इतना बढ़ गया कि उन्हें पुलिस थाना सुंदरनगर में महिला की शिकायत करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि इसके बाद महिला कर्मचारी द्वारा उन्हें लगातार परेशान किया गया। इसकी शिकायत उनके द्वारा उपायुक्त मंडी को की गई, लेकिन विभाग द्वारा उनका और महिला कर्मचारी का समझौता करवा दिया गया। इस पर दोनों ने अपनी-अपनी शिकायतों को वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि महिला कर्मचारी उनके अलावा संस्थान में नौकरी करने वाले अन्य कर्मचारियों के साथ भी इस तरह का व्यवहार कर चुकी है। उन्होंने कहा कि कॉलेज के प्रवक्ता और एक अन्य महिला कर्मचारी के खिलाफ भी उक्त महिला कई बार झूठी शिकायतें कर चुकी है। अपने से नहीं बनी बात तो दूसरों काे भी उकसाया
निखिल ने कहा कि उक्त महिला कर्मचारी द्वारा उनके पड़ोसी जगदीश चंद को भी उनके खिलाफ उकसाया गया है। इस कारण पड़ोसी द्वारा भी बार-बार उनके और परिवार के साथ लड़ाई-झगडा करना शुरू कर दिया। उन्होंने कई बार इनकी अनदेखी की गई, लेकिन बीते 23 मई को पड़ोसी जगदीश चंद ने उनकी माता के साथ गाली-गलौज कर अभद्र व्यवहार किया गया।

इसकी शिकायत उन्होंने तकनीकी शिक्षा के उपनिदेशक से की गई, लेकिन उन्होंने समझौता कराने की बजाय उन्हें ही सस्पेंड करने की धमकी दे डाली और कहा कि तुमने पहले भी इस तरह की हरकत की है। उन्होंने कहा कि उक्त महिला कर्मचारी द्वारा जगदीश चंद को उनके खिलाफ उकसाया गया और मामले की झूठी शिकायत पुलिस थाना में दी गई। इसमें उनके खिलाफ मारपीट और हत्या करने जैसे संगीन आरोप लगाए। निखिल ने कहा कि उनकी बहन द्वारा महिला कर्मचारी के साथ हुए विवाद की आरटीआई मांगी गई तो उसका जबाब भी आधा-अधूरा लगभग 9 माह बाद दिया गया।

मामले में पीड़ित की बहन ने भी बयां की दास्तां
निखिल की बहन देवेंद्रा नेगी ने कहा कि संस्थान द्वारा आरटीआई की जानकारी छुपाई जा रही है। उन्होंने कहा कि उनके भाई को मानसिक तौर पर परेशान किया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि मामले की गहनता से जांच की जाए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि अगर उनके भाई ने प्रताड़ित होकर कोई गलत कदम उठाता है, तो उसका जिम्मेवार संस्थान और इसके कुछ अधिकारी होंगे।

महिला कर्मचारी से पीड़ित एक और सेवानिवृत्त कर्मचारी आया सामने
बहुतकनीकी संस्थान सुंदरनगर से सेवानिवृत्त अधीक्षक ग्रेड-2 भगत सिंह ठाकुर ने कहा कि उक्त महिला कर्मचारी द्वारा पहले भी कई लोगों के खिलाफ झूठी शिकायतें की गई हैं। उन्होंने कहा कि जब वे सेवानिवृत्त नहीं हुए थे तो उसी दौरान प्रधानाचार्य के आदेश पर उन्हें ड्यूटी के दौरान संस्थान में वर्दी पहन कर कार्य पर आने के लिए कहा गया। इस पर महिला कर्मचारी द्वारा उनके खिलाफ बतमीजी करने की झूठी शिकायत संस्थान को कर दी। भगत सिंह ने कहा कि मौके पर सारा स्टाफ मौजूद था और उन्होंने उक्त महिला के साथ किसी भी प्रकार की कोई बतमीजी नहीं की थी। इस पर संस्थान ने उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा था। ठाकुर ने कहा कि इस उनके द्वारा प्रिसिंपल के आदेशानुसार वर्दी पहन कर डयूटी पर आने के कहने का स्पष्टीकरण दिया गया।

क्या कहते हैं तकनीकी शिक्षा मंत्री
मामले को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि मामले संज्ञान में आया है। इसको लेकर उनके पास लिखित तौर पर शिकायत आएगी, तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।