स्‍ट्रीट लाइट की रोशनी को तरस रहे स्मार्ट सीटी धर्मशाला के मर्ज इलाके, पिछले छह साल से लटका है 25 करोड़ का प्रोजेक्‍ट

उज्जवल हिमाचल। धर्मशाला

धर्मशाला में स्मार्ट सीटी का दर्ज मिले हुए लगभग छह साल हो गए, पर मर्ज किए गए क्षेत्रों की गलियां और चोराहे अभी स्ट्रीट लाइटों की रोशनी को तरस रहे हैं। आलम यह है कि स्मार्ट सिटी में चयन के बाद धर्मशाला शहर के मर्ज क्षेत्रों समेत पुराने शहर के अछूते क्षेत्रों को रोशन करने के लिए 25 करोड़ की स्मार्ट स्ट्रीट परियोजना पर काम शुरू हुआ था। लेकिन यह योजना छह साल बाद भी कागजों से बाहर नहीं आ पाई है।

हालांकि नगर निगम में आने के बाद मर्ज क्षेत्रों की मुख्य सड़कों किनारे तो स्ट्रीट लाइटें स्थापित कर दी गईं, लेकिन गलियों में स्ट्रीट लाइटें नहीं लगाई गई। अभी भी मर्ज क्षेत्रों के लोग गलियों के रोशन होने का इंतजार कर रहे हैं। यही आलम पुराने शहर की गलियों का भी है। यहां लाइटें तो लगी हैं, लेकिन यह काफी समय से खराब पड़ी हैं। पार्षदों के बार-बार मामला उठाए जाने के बाद भी इन्हें दुरुस्त किए जाने की दिशा में कोई भी काम नहीं हुआ है। यही कारण रहा कि 31 जनवरी 2022 को हुई नगर निगम धर्मशाला की आमसभा की बैठक में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। लेेकिन इसके बाद भी समस्या ज्यों की त्यों बरकरार है।

 

परियोजना के तहत लगने हैं 6900 पोल
25 करोड़ की स्मार्ट स्ट्रीट लाइट परियोजना के तहत 6900 पोल, जबकि छह हजार लाइटें शहरभर में लगनी हैं। इस दिशा में टेंडर भी हो चुका है और काम भी अवार्ड है। लेकिन धरातल पर परियोजना को लाने की दिशा में अभी तक कार्य शुरू नहीं हो पाया है। जिस कारण पुराने शहरियों के साथ.साथ मर्ज क्षेत्रों के लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

क्‍या कहते हैं पूर्व महापौर
पूर्व महापौर एवं पार्षद देवेंद्र जग्गी का कहना है परियोजना के तहत टेंडर हो चुका है और काम भी अवार्ड हो गया है। उम्मीद है कि एक माह के भीतर स्ट्रीट लाइटों को स्थापित किए जाने की दिशा में काम शुरू हो जाएगा। वहीं पुराने शहर की गलियों की खराब पड़ी लाइटों का मामला आमसभा में भी उठाया गया था।
महापौर ओंकार सिंह नैहरिया के बोले
नगर निगम धर्मशाला के महापौर ओंकार नैहरिया ने कहा स्मार्ट परियोजनाओं का लाभ जल्द शहरियों को मिल सके, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। स्मार्ट स्ट्रीट लाइट परियोजना के लिए भी प्रयास तेज किए गए हैं और जल्द यह सौगात शहरियों को मिलेगी।