मुख्यमंत्री के ज्वाली दौरे से जग जाहिर हुई विधायक अर्जुन सिंह की बौखलाहट

चैन गुलेरिया। ज्वाली

चुनावी रूपी फसल एक ऐसी फसल है जिसे नेता लोगों को पांच साल बाद काटना पड़ता है। जैसी बीजोगे वैसी काटोगे। यह कुदरत का नियम है। कर्मचारियों को प्रताड़ित करना, गरीब जनता को लताड़ना और साढ़े चार साल तानाशाह बनकर गुजारना और अंतिम दिनों में लोगों के आगे अपने किए हुए की माफी की भीख मांगना अब भारी पड़ सकती है। क्योंकि जनता भी बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही है। इस बात को ज्वाली के लोकप्रिय विधायक अर्जुन सिंह भली-भांति समझ गए है कि इस बार नैया डूबने से कोई नहीं बचा सकता। जोकि 3 सितम्बर को माननीय मुख्यमंत्री के ज्वाली आगमन पर सामने उभर कर आई।

बता दें कि 2 सितम्बर की रात को विधायक के कुछ चाटुकारों ने समाजसेवी एवंम हिमाचल सरकार के राष्ट्रीय लघु बचत सलाहकार बोर्ड के वाइस चेयरमैन संजय गुलेरिया के मुख्यमंत्री के ज्वाली आगमन पर स्वागत के लिए लगाए गए होर्डिंग को फाड़ दिया और गायब कर दिया। इससे लोकतंत्र की सरेआम हत्या हुई है क्योंकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का स्वागत करना हरेक का मौलिक अधिकार है।

संजय गुलेरिया द्वारा लगाए गए होर्डिंग को फाड़ने से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का भी अपमान हुआ है क्योंकि संजय गुलेरिया की फोटो के साथ साथ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की फोटो को भी फाड़ा गया। इतना ही नहीं संजय गुलेरिया और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की फोटो के साथ होर्डिंग पर लगे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश प्रभारी अभिनाश राय खन्ना, सह प्रभारी संजय टंडन, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का भी होर्डिंग फाड़ कर नरादर किया गया।

इस तरह की ओछी राजनीति करना और शीर्ष नेताओं का अपमान करना बौखलाहट को दर्शाता है। देश प्रदेश के नेताओं के अपमान को राष्ट्रीय लघु बचत सलाहकार बोर्ड के वाइस चेयरमैन सहन नहीं कर पाए और सारी स्तिथि को मुख्यमंत्री के ध्यान में लाकर, कार्यक्रम की मर्यादा भंग न हो, दोनों तरफ के समर्थकों के बीच कोई नारेबाजी न हो, को देखते हुए उन्होंने कार्यक्रम में दूरी बनाए रखी जो स्थानीय विधायक अर्जुन सिंह के लिए गले की फांस बन गई जो लोगों के बीच काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।

दूसरा अपने भाषण में विधायक अर्जुन सिंह द्वारा बार-बार जोर-जोर से लोगों व मुख्यमंत्री के आगे इन शब्दों से गिड़गिड़ाना कि टिकट भी मैं लाऊंगा और जीतूंगा भी मैं ही। जबकि यह कोई पार्टी का कार्यक्रम नहीं था यह तो सरकारी कार्यक्रम था। विधायक की इतनी ज्यादा बौखलाहट यह दर्शाती है कि विधायक के पैरों के नीचे की मिट्टी खिसक चुकी है।

ध्यान रहे हिमाचल प्रदेश के ईमानदार, मेहनती, अच्छी छवि वाले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने संबोधन में विधायक का नाम एक बार भी नही लिया और अंत में लोगों को बिना किसी का नाम लिए इशारा कर गए कि ज्वाली से भाजपा का विधायक जिताएं।

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