किन्नौर के जनजातीय लोगों का सहारा बनी मनरेगा 

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। शिमला

राज्य के जनजातीय क्षेत्र किन्नौर में ग्रामीणों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) वरदान साबित हुई है। इस योजना से न केवल क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित हुए है बल्कि लोगों की आमदनी में भी इजाफा हुआ है। कोविड-19 महामारी ने जहां समस्त विश्व को विवश कर दिया है वहीं हर प्रकार की गतिविधियों पर विराम भी लगा दिया था। कोविड-19 के कारण किन्नौर में विकास कार्यो पर रोक लग गई थी, जिससे समाज के कमजोर वर्गों का भविष्य खतरे में था। निराशा के इस समय में केंद्र सरकार ने गत माह मनरेगा कार्यो को आरंभ करने के निर्णय से मनरेगा अधिनियम के तहत काम करने वाले कई लोगों के जीवन में नई आशा प्रदान की है।

लाॅकडाउन के दौरान आर्थिक संकट के कारण अपनी आजीविका गवा चुके तथा अनिश्चितता के बीच झूल रहे लोगों ने केंद्र सरकार के इस निर्णय की सराहना की। राज्य सरकारों द्वारा मनरेगा कार्यों को पुन आरंभ करने  के निर्णय ने नौकरी खो चुके और अपने क्षेत्र के विकास में योगदान करने के इच्छुक लोगों को सुनहरा अवसर प्रदान किया है। इस निर्णय ने प्रदेश विशेष रूप से जनजातीय क्षेत्रों के ग्रामीणों को सहारा दिया है।

हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र किन्नौर में भौगोलिक विविधताओं के कारण कार्य करने की सीमा तकरीबन पाँच से छह महीने तक रहती है। मनरेगा के तहत कुल 65 में से 61 पंचायतों में विकास कार्य आवंटित किए गए हैं, जहाँ कार्य पूरे जोरों पर चल रहे हैं और लोगों को घरों के समीप रोजगार प्रदान किया जा रहा है। कुल 785 विकास कार्य प्रगति पर हैं, जिनमें कार्य करने वाले 6931 श्रमिक समय पर मजदूरी की राशि के भुगतान के लिए सरकार केे आभारी हैं।

ऊॅंचाई वाले क्षेत्रों में कार्यों को पूरा करने के लिए पंचायतों और मजदूरों का प्राथमिकता के आधार पर आवंटित किया गया है। कल्पा खंड की 25 पंचायतों में लगभग 328 विकास कार्य किए जा रहे हैं जबकि निचार विकास खंड की 18 पंचायतों में 399 कार्य और पूह विकास खंड की 20 पंचायतों में 58 कार्य किए जा रहे हैं।

भौगोलिक विशेषताओं के कारण मनरेगा के तहत जनजातीय क्षेत्रों में मानदेय 248 रुपये प्रतिदिन है जबकि राज्य के शेड्ढ भागों में यह राशि 198 रुपये प्रतिदिन है। जिला किन्नौर ग्रामीण विकास एजेंसी की उप-निदेशक और परियोजना अधिकारी जयवंती नेगी ठाकुर के अनुसार ”हमने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 678327 कार्य-दिवस का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, जिले को 7918.05 लाख रुपये आवंटित किए गए है। जिले की सभी 65 पंचायतों में मनरेगा विकास कार्य सुनिश्चित करने के उदद्ेश्य से कल्पा खंड के लिए 827.85 लाख रुपये, निचार खंड के लिए 4554.10 लाख रुपये और पूह विकास खंड के लिए 2486.10 लाख रुपये की राशि स्वीकृत किए गए। वर्तमान में किन्नौर में 19,173 जाॅब कार्ड धारक हैं।“

पूह के एक मजदूर सोनम के शब्दों में ”मैं सरकार का आभारी हूं कि उन्होंने इस योजना के तहत काम शुरू किया है, क्योंकि मुझे मेरे परिवार का पेट भरना भी मुश्किल हो रहा था।“ इसी प्रकार अन्य लोगों ने भी सरकार का आभार व्यक्त किया है। जिला किन्नौर ग्रामीण विकास एजेंसी की परियोजना अधिकारी के अनुसार मजदूर सामाजिक दूरी के मानदंडों और सरकार के अन्य दिशा-निर्देर्शों का कड़ाई से पालन कर रहे हैं और हमें चल रहे सभी कार्यों को समय पर पूरा करने की आशा हैं।