20 से अधिक विवि अपने आप में घोटाला: शांता कुमार

मुनीश शर्मा। पालमपुर
भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार का कहना है कि छोटे से हिमाचल प्रदेश में 20 से अधिक विश्वविद्यालय और कई सौ अन्य निजी संस्थाएं अपने आप में एक बहुत बड़ा घोटाला है। भारत में किसी भी प्रदेश में जनसंख्या की दृष्टि से इतनी अधिक संस्थाए नही है। इन संस्थाओं के बहुत से मालिक शिक्षा देने के लिए नही अपितु हिमाचल प्रदेश की भूमि को हड़पने के लिए आए थे। उस समय हिमाचल में एक भू-माफिया सरकार से यह काम करवाता रहा। हिमाचल में एक जिला में सात विश्वविद्यालय है और एक पंचायत में तीन विश्वविद्यालय है। वहां इतने प्राइमरी स्कूल भी नही होंगे।

नियामक आयोग में योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति पर सरकार को दी बधाई

शांता कुमार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग में बहुत योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति के लिए बधाई दी है। आयोग में मेजर जरनल (रिटायर्ड) अतुल कौशिक को अध्यक्ष और प्रो .कमलजीत सिंह को सदस्य के रूप में नियुक्त किया है। शांता कुमार ने इन दोनों को भी इस नियुक्ति के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं दी है। उन्होने कहा कि देव भूमि हिमाचल के माथे पर फर्जी डिग्रियां बिकने का एक कलंक लग चुका है। लाखों की संख्या में फर्जी डिग्रियां कई वर्ष तक बेची जाती रही। यह भी हैरानी की बात है कि सरकार को इस बात का तब पता लगा जब यूजीसी ने हिमाचल सरकार को लिखा।

शांता कुमार ने कहा कि कुछ निजी विश्वविद्यालय केवल डिग्री देने वाली दुकाने हैं। यहां तक कि स्टाफ भी फर्जी है। सब प्रकार की पढ़ाई की पूरी व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के हजारों बेरोजगार युवकों से कई लाख रुपये लेकर उन्हें फर्जी डिग्री देकर उनके जीवन को बर्वाद करना एक अपराध ही नही महा पाप भी है। जिस पिछले नियामक आयोग के होते हुए भी फर्जी डिग्रियों का यह धंधा होता रहा, उनके विरूद्ध भी उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायधीष की अध्यक्षता में जांच आयोग बनना चाहिए। शांता कुमार ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री का यह निर्णय बहुत ही सराहनीय लग रहा हैं।