नादौन के एक परिवार पर टूटा दुःखों का पहाड़, सरकार से मदद की लगाई गुहार

Mountain of sorrows broke down on a family of Nadaun, requested the government for help
नादौन के एक परिवार पर टूटा दुःखों का पहाड़, सरकार से मदद की लगाई गुहार

उज्जवल हिमाचल। नादौन
नादौन के हथोल गांव निवासी विनोद कुमार का गत एक वर्ष से कोमा में होने के कारण परिवार पर दुःखों का पहाड़ आ गिरा है। जहां एक और विनोद के उपचार पर हो रहे खर्च को वहन करना कठिन हो रहा है। वहीं पत्नी को घर चलाना पहाड़ सा दिख रहा है क्योंकि वर्तमान समय में परिवार के पास आय का कोई साधन नहीं बचा है और घर में कमाने वाला कोई अन्य नहीं है, जोकि उनकी सहायता कर सकें।

45 वर्षीय विनोद की दो मासूम बेटियां हैं। जानकारी देते हुए विनोद की पत्नी सीमा देवी ने बताया कि उसका पति एचआरटीसी में बतौर चालक कार्यरत था। 2014 में उनकी नियुक्ति हुई थी और गत 3 वर्ष पूर्व ही वह नियमित हुए थे। सीमा देवी ने बताया कि पिछले साल जनवरी माह में उन्हें सरदर्द होने लगा उसके बाद जब पीजीआई में उन्हें उपचार के लिए ले जाया गया, तो उपचार के दौरान ही वह पिछले साल फरवरी माह में कोमा में चले गए।

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वह लिपोमिया ईवीई नामक वायरस से ग्रसित है। सीमा ने बताया कि उनके पास जो कुछ भी जमा पूंजी थी, वह सारी खर्च हो चुकी है। अब विभाग में कार्यरत विनोद के कुछ दोस्तों और अधिकारियों व कुछ जानने वाले लोगों की सहायता से विनोद के उपचार का जुगाड़ हो रहा है। सीमा ने बताया कि सप्ताह में एक बार विनोद के शरीर में लगी पाइपों को बदलवाने के लिए हमीरपुर अस्पताल जाना पड़ता है।

जिस पर करीब 5 हज़ार रुपए खर्च हो जाते हैं, जबकि हर तीसरे माह पीजीआई आने जाने में ₹20 हज़ार तक खर्च हो जाते हैं। इसके साथ ही विनोद के हर माह टेस्ट करवाने पड़ते हैं। जिनकी रिपोर्ट दिखाने के लिए बेटी को माह में एक बार पीजीआई जाना पड़ता है। इसके अलावा दवाई पर भी करीब ₹5 हज़ार हर माह खर्च हो रहे हैं। सीमा ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।

परिवार के परिचित राजीव हैप्पी ने बताया कि बिना एंबुलेंस विनोद को कहीं भी ले जाना संभव नहीं है, इसलिए एंबुलेंस पर भी काफी खर्च हो रहा है। पूर्व जिला परिषद् एवं बीडीसी डॉ. नरेश ने सरकार से मांग की है कि परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाए, क्योंकि परिवार के पास आय का कोई साधन नहीं बचा है।

संवाददाताः एमसी शर्मा

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