बैजनाथः बैजनाथ ब्लॉक में राष्ट्रीय ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड द्वारा चलाए जा रहे, आजीविका एवं उद्यमिता विकास कार्यक्रम के सार्थक परिणाम देखने को मिल रहे है। यह कार्यक्रम वर्ष 2022 से आरंभ किया गया है व इस परियोजना को स्थानीय स्तर पर पशु चिकित्सा एवं पशुपालन प्रसार शिक्षा विभाग, चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यायल, आरटीडीसी रूरल टेक्नोलॉजी एंड डेवलपमेंट सेंटर पालमपुर के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है।
इसके पहले चरण में ग्राम पंचायत कुंसल, उस्तेहङ और चौबीन के स्वयं सहायता समूह के सदस्य एवं उनसे जुड़े परिवारों का चुनाव किया गया। तदोपरान्त विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करवा कर। मुर्गी पालन के वैज्ञानिक तरीकों का प्रसार किया गया।
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स्वयं सहायता समूह के सदस्यों का पशु अनुवांशिकी विभाग के और पोल्ट्री फार्म का भ्रमण करवा कर, वहां वितरित की गई मुर्गी की उत्तम एवं स्थानीय स्तर पर विकसित की गयी वैरायटी, हिमसमृद्धि के बारे में जागरूक किया गया प्रशिक्षण के पश्चात मुर्गी पालन पर आधारित आजीविका एवं उद्यमिता विकास हेतु एवं हिमसमृद्धि वैरायटी के चूजे वितरित किए गए।
समय-समय पर परियोजना से जुड़े वैज्ञानिकों ने मुर्गी पालकों को तकनीकी जानकारी उपलब्ध करवाई। परियोजना से जुड़े नाबार्ड के जिला विकास अधिकारी अरुण खन्ना ने बताया कि परियोजना के वैज्ञानिक किसानों के घर-द्वार पर दौरा कर उनकी समस्याओं को सुनकर उनका समाधान भी बता रहे हैं, इस परियोजना से अभी तक 90 परिवार लाभान्वित हो चुके हैं और उनमें से मुर्गीपालक जैसे मधुबाला सुरेखा देवी ने मुर्गी पालन के कार्यों को अच्छे से बढ़ाया है।
मुर्गी पालन पर आजीविका एवं उद्यमिता विकास की नाबार्ड द्वारा पोषित यह परियोजना, फिलहाल बैजनाथ ब्लॉक के स्वयं सहायता समूह को लाभान्वित करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है।