आजादी के 74 वर्ष बाद भी सडक़ नहीं, बीमार के लिए चारपाई ही सहारा

पंकज शर्मा । ज्वालामुखी

आजादी के 74 वर्ष बाद भी चंगर के एक क्षेत्र में आजतक सडक़ की सुविधा नही मिल पाई है। आज भी गांव में अगर कोई बीमार हो जाये तो उसे चारपाई से ले जाया जाता है और मुख्य सडक़ तक मुश्किल से पहुंचाया जाता है। यहा बात हो रही है चंगर क्षेत्र तहसील खुंडिया के बलेहड़ा गांव की जहाँ आजतक आजादी के 74 बर्ष बाद भी सडक़ मार्ग नही मिला और ग्रामीणों ने अपने स्तर पर रास्ता बनाकर चलने लायक रास्ता बनाया है। इस मार्ग में बड़ी बड़ी झाडिय़ां हैं और बड़ी पहाड़ी, बड़े बड़े पत्थरों पर चलना मुशिकल है, सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं, बजुर्गो व बच्चों को आती है और बीमारी के समय यहां समस्या विकट परिस्तिथियों में बदल जाती है। आजकल कोरोना काल में यहाँ कोई बीमार हो जाये तो चारपाई उठाने के लिए चार कंधे भी नही मिलते।

ताजा मामले में बलेहड़ा के किशोरी लाल की माता बहुत बीमार हो गयी उनकी उम्र 90 बर्ष है, लेकिन एक दिन उन्हें इलाज के लिए नही ले जाया गया क्योंकि चारपाई उठाने के लिए चार लोग नही मिले। किशोरी लाल ने बताया कि कोरोना के कारण लोग नजदीक नहीं आ रहे हैं, बड़ी मुश्किल से दूसरे दिन लोगों का बंदोबस्त किया गया तब कहीं जाकर बजुर्ग माता को चारपाई के सहारे मुख्य सडक़ तक पहुंचाया गया और इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। गांव के सीताराम ने बताया कि उन्हें सरकार या पंचायत से आज तक कोई मदद नही मिली और न ही एक पैसा यहाँ पर खर्च किया गया, यहाँ रास्ता भी गांववालों ने खुद तैयार किया है और आजदी से आजतक ग्रामीण शोषण का ही शिकार हुए हैं। पहाड़ी चट्टानों से गुजरना सबके लिए मुश्किल है इसलिए सरकार जल्द इस रास्ते का निर्माण करे। वहीं गांव के दर्जनों लोगों ने इकठ्ठा होकर इस घटना पर रोष व्यक्त किया और सरकार से मांग की है कि जल्द सरकार यहाँ एंबुलेंस मार्ग की तैयार करे और ग्रामीणों को सुविधा दे ताकि बजुर्ग व बीमारी की स्तिथि में कोई अनहोनी घटना न घटित हो।