सरकारी अस्पताल में सुविधाएं न के बराबर

एसके शर्मा। बड़सर

बड़सर विधानसभा में ढटबाल क्षेत्र की लगभग 21 पंचायतों के स्वस्थ्य की देखभाल करने वाले अस्पताल बिझड़ी में स्वस्थ्य सेवा चरमरा गई है। बिझड़ी अस्पताल ने फिर खोली जयराम सरकार की पोल खोल दी है। अस्पताल में दवाइयों के नाम पर टांके लगाने के लिए सुई तक नहीं थी। जिला महासचिव पवन कालिया ने कहा कि सफेद हाथी बनी इस बिल्डिंग में एमरजेंसी में बच्चे को टांके लगाने के लिए सुई और धागा तक नहीं था। बच्चे का काफी देर तक खून बहता रहा।

पवन कालिया ने कहा कि रविवार को मेडिकल स्टोर बंद होने की वजह से चोट लगे बच्चे को घंटाें इंतज़ार के बाद एक मेडिकल स्टोर के मालिक को बुलाकर टांके लगाने के लिए दवाइयों के साथ-साथ सुई धागा तक स्टोर से लेना पड़ा, तब जाकर डॉक्टर ने टांके लगाए। एमरजेंसी के नाम पर अस्पताल में फोरी राहत के नाम पर कुछ भी नहीं है, जिसका खामियाजा आए दिन लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जैसे-जैसे कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ा है।

सरकार के प्रयास कम होते चले गए, जहां सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की सुविधा को बढ़ाया जाना चाहिए था। वहीं, वह कम होती जा रही हैं। पवन कालिया ने कहा कि ये सरकार की निष्क्रियता को दरसाता है। आमजनता को सुविधाएं न के बराबर है, लेकिन सरकार उनकी समस्याओं पर चुप है। जनता को उम्मीद थी कि सरकार जनसाधारण को कोई राहत भरे पैकेज देगी, लेकिन सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। सरकार का इस ओर उदासीन रवैया साफ दर्शाता है कि स्वस्थय सुविधाओं को देने में सरकार मेडिकल माफिया की गिरफ्त में है, जिसके चलते प्रदेश की जनता को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।