घुमारवीं के कोविड अस्पताल को रद्द करने की आधिसूचना आजतक नहीं हुई जारी

सुरेंद्र जम्वाल। बिलासपुर

घुमारवीं अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने पर पिछले कुछ समय में सत्ता पक्ष और विपक्ष मे खूब राजनीति हुई थी।घुमारवीं अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने के लिए सरकार के द्धारा कुछ समय पूर्व आधिसूचना जारी कर दी गई थी, जिसका घुमारवीं की जनता मे भी विरोध के स्वर धीरे-धीरे उत्पन्न शुरू हो गए थे।

घुमारवीं के अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने पर जैसे ही लोगों के स्वरों में विरोध होना उत्पन्न हुआ, तो विपक्ष ने मुद्दे को हाथियाने मे पुर जोर कोशिश की और एसडीएम के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भी भेजा गया था, पर यही से सता पक्ष के विधायक राजेंद्र गर्ग ने मौके की निजाकत को समझते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री से खुद ही आग्रह कर दिया गया कि शहर के बीचों-बीच स्थित इस कोविड अस्पताल को कहीं दूसरे एकांत जगह के भवन को चुन कर कोविड अस्पताल बनाया जाएं।

क्योंकि यह अस्पताल जिला के अस्पताल के बाद सबसे बड़ा अस्पताल है तथा इस अस्पताल पर तीनों विधानसभा क्षेत्र के लोग निर्भर है। स्थानीय विधायक के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने भी आश्वासन दे दिया गया था। विपक्ष ने भी मुद्दे को उठाने की पूरजोर कोशिश की और सोशल मीडिया पर छाया रहा कि हमने ज्ञापन राज्यपाल को भेजा तभी इस अस्पताल को कोविड अस्पताल नहीं बनाया गया है।

जिला बिलासपुर में आजतक जितने भी कोरोना पॉजिटिव के मामले आएं हैं, उन्हें नेरचौक व चांदपुर के निजी अस्पताल में ले जाया गया है। सत्ता व विपक्ष दोनों यही समझते रहे हैं कि इस अस्पताल को कोविड अस्पताल से हटा दिया गया है। क्योंकि ओपीडी पहले की तरह ही सुचारु रुप से चल रही हैं। अब प्रश्न उत्पन्न होता हैं कि जिसका सता पक्ष और विपक्ष ढिंढोरा पीट रहे हैं कि हमने इस अस्पताल को कोविड अस्पताल से हटा दिया गया है, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है और न ही जिला प्रशासन व सरकार के द्धारा ऐसी कोई आधिसूचना जारी की गई हैं कि इस अस्पताल को कोविड अस्पताल से मुक्त कर दिया गया है।

सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी राजनीति चमकाने तक ही सीमित है तथा ऐसी कोई भी आधिसूचना जारी नहीं हुई है कि इस अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव के मामले नहीं आएंगे। अगर जिला मे कोविड पॉजिटिव के मामलों में बढ़ाेतरी होती हैं, तो निश्चित रूप में इस अस्पताल मे इन मरीजों को भी रखा जा सकता है, तभी तो इतना समय बीत जाने के बाद आधिसूचना जारी नहीं हुई है। बीएमओ नवनीत शर्मा ने कहा कि इस अस्पताल का कोविड अस्पताल का दर्जा समाप्त हो गया है। ऐसी किसी भी तरह की आधिसूचना न ही सरकार व जिला प्रशासन की तरफ से नहीं आई है। कोविड अस्पताल बनाएं जाने की आधिसूचना हमें मिली है, पर निरस्त करने की आधिसूचना आज तक नहीं प्राप्त हुई हैं।