मुसलाधार बारिस से दो मंजिला सलेटपोश मकान क्षतिग्रस्त

शुभम शर्मा। रक्कड़

निकटवर्ती ग्राम पचायत शांतला के अंतर्गत गांव पठियार (निहारी) मे तेज आधी तूफान गर्जना के साथ हुई मुसलाधार बारिस ने अति गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली 64 बर्षिय बुजुर्ग गंगो देबी के दो मंजिला पुराना सलेटपोश रिहासी मकान को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है। मकान के चारों ओर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी है, लेकिन गरीबी से लाचार उक्त परिवार अपने मासूम छोटे-छोटे बच्चों को लेकर उसी क्षतिग्रस्त छत के नीचे रात-दिन जिदंगी काटने को मजबूर हैं।

स्थानीय गांव के किसी युवा ने उक्त पीड़ित परिवार ने जहां वीडियो वायरल कर जिलाधीश कांगड़ा प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व एसडीएम देहरा से तुरंत स्थिति का जाजजा लेने की मांग उठाई है। खैर इस बारदात का पता चलते ही मौके पर पहुंचे स्थानीय पंचायत प्रधान हल्का पटवारी व तहसील कार्यलय रक्कड़ के अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया है, लेकिन कोई भी फौरी राहत नहीं दी गई, जहां एक तरफ देशभर मे कोरोना वायरस महामारी का कहर और ऊपर से उक्त उक्त पीड़ित परिवार को कुदरत ने बेबशी के आगे अब घूटने टेकने को मजबूर कर दिया।

बजूर्ग गंगो देबी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बारदात में मेरा टोटल रिहासी मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। लिहाजा इस मकान में रहना अब किसी बडे़ खतरे से खाली नहीं है। वहीं, बजुर्ग गंगो देबी ने कहा कि लीबर की बिमारी से जूझ रहा मेरा 44 वर्षिय बेटा सुनील कुमार व पुत्रबधु मोनिका देबी व उनके पांच और आठ वर्ष के दो बेटा व बेटी मेरे साथ ही इसी मकान मे जीवनयापन कर रहे हैं।

गंगो देबी का कहना है कि मेरी परिवार की नाजुक स्थिति को देखते हुए पंचायत ने अंत्याेदय मे डाला गया था, लेकिन बिगत कुछ महीने पहले मेरी पुत्रबधू को आगनबाड़ी में 3500 रूपए प्रतिमाह हैल्पर की नौकरी मिलने के बाद अचानक मुझे बीपीएल सूची से यह कहकर काट दिया कि आपकी बहु अब सरकारी नौकरी करती है। वहीं, पीड़ित परिवार ने प्रदेश सरकार व विभागिय प्रशासन से जल्द स्थिति का जायजा लेने की मांग उठाई है।