नवरात्रि के पहले दिन मां बज्रेश्वरी के दरबार में लगा भक्‍तों का तांता

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

शारदीय नवरात्र की शुरुआत आज से हो गई है। नवरात्रि का आज पहला दिन है। नवरात्रि के पहले दिन माता बजरेश्वरी मंदिर कांगड़ा में श्रद्धालुओं की मंदिरों में भीड़ देखी जा रही है।

माता श्री बज्रेश्वरी देवी से शुरू हो रहे शरद कालीन नवरात्र के दौरान दर्शनों के लिए आने वाले यात्रियों की सुविधा सम्बन्धित तैयारियां प्रशासन ने पूरी कर ली है। मां के दरबार को रंग बिरंगी लाइटों व रंग बिरंगे फूलों से सजाया गया है। मंदिर की सजावट दिल्ली क श्रद्धालु की ओर से करवाया जा रहा है।

एसडीएम कांगड़ा अभिषेक वर्मा ने कहा कि मास्क पहनना व दो गज की दूरी रखना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि शहर में वन वे व्यवस्था सख्ती से लागू की जाएगी ओर दुकानों के बाहर अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा। श्रद्धालु गर्भ गृह के अंदर जा मां के दर्शन कर सकेगें ।

उन्होंने कहा कि यात्रियों के बड़े वाहनों को कांगड़ा बाई पास व, छोटे वाहनों को शहर के भीतर आने की ईजाजत होगी। इसके साथ ही तहसील चौंक से बाई पास व गुप्त गंगा से श्रद्धालुओ को लाने व जाने के लिए मुद्रिका बस भी चलाई जाएगी।उन्होंने बताया कि पहले नवरात्र से मंदिर परिसर में शतचंडी महायज्ञ आरंभ किया जाएगा जिसमें 11 विद्वान पंडित महायज्ञ में पूजा-अर्चना करेंगे। यज्ञ का समापन उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल महायज्ञ में आहुति डालकर कर करेंगे।

नौ दिनों तक की जाती है मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा… 

नवरात्रों में नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, शारदीय नवरात्रि अश्विन के चंद्र महीने में मनाई जाती है। शरद ऋतु के दौरान मनाई जाने वाली शारदीय नवरात्रि सबसे प्रतीक्षित नवरात्रि में से एक है। यह त्योहार पूरे देश में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। अगले नौ दिनों में, भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं।

इस अवसर को देवी दुर्गा की राक्षस महिषासुर पर जीत का प्रतीक भी माना जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत कहलाती है। शरद नवरात्रि के 10वें दिन को दशहरा या विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है।

नवरात्रि का त्यौहार 7 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। इस साल अष्टमी 13 अक्टूबर को है जबकि दशमी 15 अक्टूबर को है।