आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ न्याय करे विभाग : यूनियन

एमसी शर्मा। नादौन

हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने कहा है कि हिमाचल सरकार और बिजली बोर्ड का प्रबंधन वर्ग विभिन्न दुर्घटनाओं में मारे जा रहे और शारीरिक तौर पर अपाहिज़ हो रहे आउटसोर्स कर्मचारियों के परिवारों को बर्बादी से बचाने के लिए ठोस निर्णय लेकर इन परिवारों को राहत पहुंचाए। यह बात हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने नादौन में जारी एक प्रैस बयान में कही। उन्होंने कहा अब तक 6 आउटसोर्स कर्मचारी मौत का शिकार हो चुके हैं और 10 आउटसोर्स कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो कर के शारीरिक तौर पर अपाहिज़ हो चुके हैं।

खरवाड़ा ने कहा कि पहली जनवरी, 2021 को विद्युत मंडल नूरपुर के अंतर्गत मनजीत सिंह नाम का आउटसोर्स कर्मचारी 11 केवी लाईन का करंट लगने से बुरी तरह झुलस गया था, उसका उपचार करवाने के लिए बिजली कर्मचारियों ने 30 हजार रुपए एकत्रित करके उक्त कर्मचारी को आर्थिक मदद की, लेकिन बिजली बोर्ड या संबंधित ठेकेदार द्वारा किसी किस्म की कोई आर्थिक मदद नहीं की गई। यह कर्मचारी अभी तक उपचाराधीन है, लेकिन बिजली बोर्ड के प्रबंधक वर्ग द्वारा मदद करना तो दूर, लेकिन इस कर्मचारी को ड्यूटी से गैर हाजिर करके इसका जनवरी माह से वेतन बंद कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि अकसर ऐसा उन सभी आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ हो रहा है, जो दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। खरवाड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार बिजली क्षेत्र के निजीकरण के लिए बड़ी तत्परता के साथ काम कर रही है, लेकिन निजीकरण की व्यवस्था एक गैर-जिम्मेदार और शोषण अधारित व्यवस्था है, जिसमें किसी कर्मचारी के साथ किसी किस्म की अनहोनी होने पर किसी की कोई जबावदेही सुनिश्चित नहीं है।

आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ हो रहे दर्दनाक हादसे इस गैर-जिम्मेदार व्यवस्था की पोल खोलती है। खरवाड़ा ने चेतावनी देते हुए कहा कि हिमाचल सरकार और बिजली बोर्ड का प्रबंधक इन आउटसोर्स परिवारों की सुध ले अन्यथा इनके परिजन और अपाहिज़ कर्मचारी इन्साफ की गुहार लगाने के लिए हिमाचल सरकार के सचिवालय के समक्ष अनशन पर बैठने के लिए बाध्य होंगे।