बाजारों में बढ़त के ट्रेंड को तोड़ने में विफल रही महामारी

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्ली

वर्ष 2020-21 में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला। इसके बावजूद मार्च, 2020 के निचले स्तर से शेयर बाजारों ने 80 फीसद का उछाल हासिल किया। यह महामारी बाजारों में बढ़त के ट्रेंड को तोड़ने में विफल रही। इससे कई लोगों को तो काफी राहत मिली, लेकिन दुनियभार में जमीनी स्तर पर कई तरह की समस्याओं के बावजूद स्टॉक मार्केट की तेजी के सिलसिला ने कई लोगों को हैरत में डाल दिया। दरअसल, जिन लोगों ने बाजार में भरोसा बनाए रखा और निवेश बनाए रखा, उन्होंने पैसे भी बनाए।

हालांकि, कोविड के नए मामलों में वृद्धि से जोखिम बढ़ा है और आने वाले कुछ समय के लिए अनिश्चितता पैदा हो गई है। ब्याज दर पहले से काफी नीचे हैं, ऐसे में निवेशकों को ऐसे स्टॉक की तरफ देखना चाहिए, जिन्होंनें लचीलता दिखाई है। उन्हें ऐसे स्टॉक में निवेश के बारे में सोचना चाहिए, जिनमें स्थिति और बिगड़ने पर भी मजबूती से टिके रहने की संभावना नजर आती हो।

मौजूदा समय में निवेशकों को ‘बास्केट अप्रोच’ अपनाना चाहिए। इसका अभिप्राय है कि अलग-अलग सेक्टर के अच्छी क्वालिटी के स्टॉक में निवेश से आने वाले कुछ समय की क्षति की पूर्ति की जा सकती है और लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है। निवेशकों को इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि स्टॉक को लंबे समय तक होल्ड करने पर उन्हें कम्पाउंडिंग का लाभ मिल सकता है। उल्लेखनीय है कि सफल निवेशक बनने के लिए धीरज रखना बहुत जरूरी होता है। आपको अपने फायदे को बढ़ते रहने देना चाहिए, जब तक कि आपके पैसे की जरूरत ना हो।