जसवां-परापुर में अब हिमकेयर के साथ ई-श्रम कार्ड भी बनवा रहे पराशर

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

सामाजिक सरोकारों में नित नए आयाम बना रहे कैप्टन संजय पराशर ने अब जसवां-परागपुर क्षेत्र में हिमकेयर कार्ड के साथ ग्रामीणों के ई-श्रम कार्ड बनाने की मुहिम शुरू कर दी है। लभार्थियों को उनके गांवों में पुहंचकर जागरूक करने के साथ इन कार्ड को बनाने की नि:शुल्क व्यवस्था पराशर की टीम द्वारा की जा रही है। अब तक 1278 परिवारों ने हिमकेयर योजना के तहत पराशर के पास कागजात जमा करवाए हैं, तो 168 ई-श्रम कार्ड बनाने के लिए भी औपचारिकता पूरी कर ली गई है। संजय का कहना है कि जसवां-परागपुर क्षेत्र के हर गांव में ये कार्ड बनाए जाएंगे और पंजीकरण प्रक्रिया शुरू होते ही कार्ड की होम डिलीवरी उनकी टीम द्वारा शीघ्र शुरू की जा रही है। दरअसल नववर्ष शुरू होते ही हिमकेयर कार्ड की योजना शुरू होने के बाद कैप्टन संजय ने जसवां-परागपुर क्षेत्र के प्रत्येक परिवार को हिमकेयर योजना से जोड़ने का लक्ष्य तय कर लिया था।

इसके तहत पराशर की टीम सुदूर गांवों में भी लोगों के घर-द्वार पर पहुंचकर हिमकेयर कार्ड बना रही है, जो परिवार इस योजना के अंर्तगत पैसा खर्च कर पाने में असमर्थ हैं, उनके पंजीकरण की राशि संजय खुद अपनी जेब से भर रहे हैं। घमरूर, कोलापुर, लग्ग बलियाणा, परागपुर, कूहना, सेहरी, अप्पर परागपुर, चमेटी, कुठियाड़ा, चलाह, स्वाणा, रैल, लग ठाकरां, चन्नौता, रैल व रीड़ी कुठेड़ा में हिमकेयर कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई और टीम द्वारा हर वार्ड में आर्थिक रूप से अक्षम परिवारों से संपर्क किया जा रहा है। रजिस्ट्रेशन और नवीनीकरण करने के बाद पराशर की टीम द्वारा हिमकेयर कार्ड की होम डिलीवरी भी शुरू कर दी गई है।

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हिमकेयर कार्ड का रजिस्ट्रेशन करवा चुके विनाेद, राजकुमार, अभिषेक, सुषमा कुमारी, विमल, रेखा और राजेश ने बताया कि पराशर के माध्यम से उनका व उनके परिवार का एक वर्ष के लिए बीमा कवर हो चुका है, जिसक लिए वह कैप्टन संजय के आभारी हैं। वहीं, पराशर मनरेगा मजदूरों व असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कामगरों के लिए ई-श्रम योजना के तहत कार्ड बनवाने में मदद कर रहे हैं और उनकी टीम कार्ड के लिए खुद गांवों में पहुंचकर लाभार्थियों को पंजीकृत कर रही है। कार्ड पंजीकृत करवा चुके तेज लाल, सुमन देवी, अश्विनी कुमार और तरसेम ने बताया कि संजय पराशर कोरानाकाल से लेकर अब तक करोड़ों रूपए संजय समाज के अंतिम पायदान पर खड़े वर्ग के उत्थान के लिए कर चुके हैं।

निस्संदेह सामाजिक सरोकारों को निभाने में पराशर की इस भूमिका को वो सदैव याद रखेंगे। वहीं, संजय पराशर का कहना था कि ये दोनों योजनाएं गरीबों के लिए संकट के समय में किसी वरदान से कम नहीं हैं। जानकारी के अभाव या आर्थिक कारणों से हिमकेयर कार्ड नहीं बनवा पाते हैं, उनके लिए वह और उनकी टीम ग्रामीणों के घर-द्वार पर पहुंच रही है। बताया कि जसवां-परागपुर क्षेत्र के हर व्यक्ति का हमकेयर कार्ड योजना के तहत बीमा कवर करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ में ई-श्रम कार्ड भी बनवाकर दिए जा रहे हैं। पराशर ने कहा कि जो हिमकेयर कार्ड बनवाने में असमर्थ है, वो परिवार उनसे व्यक्तिगत रूप से भी संपर्क कर सकता है।