निजी बसें न चलने से यात्री हुए परेशान

सरकार को कोसते हुए बोले न जीने लायक छोड़ा ना मरने लायक

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। साेलन

इन दिनों एक और आम आदमी पर कोरोना की मार पड़ी है, तो वहीं, बीते दो दिनों से निजी बसें न चलने से आम आदमी बेहद परेशान हैं। कई कर्मचारी तो अपने कार्यालय तक नहीं पहुंच रहे। वहीं, एचआरटीसी विभाग की अवयव व्यथा के चलते भी सवारियों को परेशानियों से दो चार होना पड रहा है। आमजन घंटों बसोें के इंतेजार में धूप, छांव व बारिश के बीच खडे़ होने को मजबूर हैं व सरकार को जमकर कोस रहे हैं कि न जीने लायक छोड़ा, न मरने लायक इस सरकार ने।

यह बात सोलन में बसों के इंतजार में खडे़ यात्रियों ने कही। यात्रियों ने कहा कि इस सरकार के पास न नीति है न कार्य करने की नियत है। उन्हांेने कहा कि यां तो सरकार संपूर्ण लाॅकडाउन लगाकर घर में बैठाए या फिर निजी बसों के साथ समस्याओं को निपटारा कर व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करें। ये लोग ऐसे ही नहीं कोस रहे शासन व प्रशासन को, जब कई-कई घंटे बसों के इंतजार में धूप छांव, बारिश में खड़ा होना पड़ता है, तो शासन व प्रशासन पर लोगों की भड़ास निकलना लाजमी है। बात करते हुए लोगों ने बताया कि यह सरकार निकम्मी है।

इसके पास कोई नीति नहीं है। बसें न चलने के कारण उन्हें कई कई घंटों इंतजार करना पड़ रहा है व अपने गंतव्य पर भी समय से नहीं पहुंच रहे। उन्हाेंने कहा कि या तो सरकार संपूर्ण लाॅकडाउन लगा दे या सब कुछ खोल दें। क्याेंकि जो सरकार कर रही है, उससे अभी कोई लाभ नहीं हो रहा है। निश्चित तौर पर जमीनी स्तर पर लोगों के बातचीत के दौरान यह जानने को मिला कि आम जनता सरकार व प्रशासन की व्यवस्थाओं से बिल्कुल भी खुश नहीं है। अब देखना यहीं होगा कि सत्ता के नशे में चूर सरकार कब आम आदमी की सुध लेती है।