हलाहं में पटवारखाने का निर्माण बना प्रशासन की गले की फांस

चमेल सिंह देसाईक। शिलाई

उपमंडल की ग्राम पंचायत हलाहं में पटवारखाने का निर्माण प्रशासन के गले की फांस बना गया है। 12 गांव के लोगों की फरियाद व कायदे-कानून को ठेंगा दिखाकर नए भवन का कार्य शुरू किया गया है। क्षेत्र के लोगों ने उच्च न्यायालय में न्याय की गुहार लगाई है जिसके बाद विभाग के हाथ पांव-फुल गए हैं। उच्च न्यायालय ने ग्राउंड रिपोर्ट मांगी तो आननफानन में जिला कार्यालय को झूटी रिपोर्ट व मामला रफादफा करने पर सरकार को तलब किया है।

क्षेत्र के लोगों ने उच्च न्यायालय में लगाई गुहार

दीगर रहे कि विभाग ने पुराने पटवारखाने को असुरक्षित करके गिराने के लिए लगभग 35 हजार रूपये उपतहसील रोनहाट को भेजे हैं। जगह कम होने पर विभाग ने वर्ष 2017 में पुराने पटवारखाने के साथ अतिरिक्त जमीन की गिफ्टडीड ली है ताकि पटवारखाना बड़ा व सुंदर बन सके। 8 जुलाई 2020 को पंचायत प्रधान ने फर्जी प्रस्ताव दिया जाता है कि पटवारखाना हलाह नहीं बल्कि स्थानांतरित करके भीब में बनाया जाना उचित होगा, फर्जी प्रस्ताव का पता चलते ही 11 जुलाई को पंचायत सदस्यों, बीडीसी सदस्य व क्षेत्र वासियों ने खारिज करने के लिए बीडीओ, उपमंडलाधिकारी सहित उपायुक्त सिरमौर को व्यानह्ल्फी देकर अवगत करवाया है लेकिन न फर्जी प्रस्ताव खरिज हुआ, न ही लोगों की बात सुनी गई है। पंचायत उपप्रधान केदार सिंह, पूर्वप्रधान धर्म सिंह, कल्याण सिंह, बीडीसी सदस्य लायक राम, वार्ड सदस्य दोलत राम, नवयुवक मंडल अध्यक्ष गोविंद प्रसाद, प्रताप सिंह, बहादुर सिंह, बाबु राम, कुलदीप शर्मा, कपिल देव, विरेन्द्र सिंह ने बताया कि विभाग दबाव मे कार्य कर रहा है। न्यायालय पहुचे ही पटवारखाने निर्माण में रात-दिन कार्य किया जा रहा है। स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार हो रहा है सभी कायदे कानून को दरकिनार किया गया है मज़बूरी में न्यायालय की शरण ली गई है।

आश्चर्य है कि पुराना भवन नहीं गिराया और स्थानांरित करके नए भवन का कार्य प्रगति पर है। विभागीय पत्र संख्या 14577 में बताए गए कानून के विपरीत कार्य किया जा रहा है। विभागीय कमेटी में न कोई इंजीनियर है न ही प्राकलन जिला प्रशासन को भेजा गया है। अन्य पटवारखानों व कानूनगो कार्यालय की स्वीकृत राशि टेंडर के लिए विकास कार्यालय भेजी है, लेकिन हलाह में राजस्व विभाग कमेटी बनाकर खुद ठेकेदार बना है। उपतहसील रोनहाट को पत्र संख्या 2269 में स्वीकृत 12 लाख विकास कार्यालय को देने की भी बात कही गई है। इतना ही नहीं बल्कि उपायुक्त सिरमौर को भेजी गई रिपोर्ट में पुराने पटवारखाने को गिराने की झूठी रिपोर्ट दी गई है, जबकि मौका पर अभी तक पटवार खाना खड़ा है।

क्षेत्रीय ग्रामीणों की पैरवी कर रहे उच्च न्यायालय अधिवक्ता अनिल कुमार मंगेट ने बताया कि शिलाई के हलाहं पटवारखाने मामले में अधिकारी गलत तरीके से कार्य कर रहे है। जिला प्रशासन सहित उच्च न्यायालय को गुमराह कर रहे है यदि ग्राउंड रिपोर्ट सहित नही आती है तो अधिकारियों पर सरकारी धन का दुरुपयोग, कानून के विपरीत कार्य, गुमराह करना व भ्रष्टाचार फैलाने पर कार्रवाई के लिए उच्च न्यायलय को अलग से मामले दिए जाएंगे।