पहले हफ्ते ही पिटा परिवहन निगम

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

हिमाचल प्रदेश में बेशक सरकार द्वारा परिवहन व्यवस्था तो बहाल कर दी गई है, लेकिन लोगों में कोरोना वायरस का खौफ एचआरटीसी सुंदरनगर को प्रतिदिन लाखों की चपत लगा रहा है। आलम यह है कि प्रतिदिन लगभग 6 लाख रुपए की कमाई करने वाला डिजिटल आईएसबीटी सुंदरनगर प्रदेश में बसें शुरू होने के फरमान के बाद पूरे हफ्ते में 4 लाख के आंकड़े को भी छू नहीं पाया है।

बता दें कि आईएसबीटी सुंदरनगर में कुल 97 बसें अपनी सेवाएं देती हैं। प्रतिदिन हजारों लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने वाले एचआरटीसी सुंदरनगर के कर्मचारी अब सवारियों के इंतजार में घंटों टकटकी लगा कर बैठे रहते है।

कोरोना काल के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा पहली जून से पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू करने के आदेश जारी होते ही सुंदरनगर डिपो द्वारा 67 बसें विभिन्न लोकल रुटों पर शुरू कर दी गई थी, लेकिन अब एक हफ्ते के बाद कटौती करते हुए अब इनकी संख्या 47 तक सिमट गई है। एचआरटीसी सुंदरनगर डिपो के इंटर स्टेट 12 रूट बंद पड़े हुए हैं।

आंकड़ों की बात करें, तो सुंदरनगर डिपो को 35 रूपए प्रति एक किलोमीटर कमाने पर सिर्फ बस के तेल का ही खर्चा निकल पाता है और अगर कर्मचारियों की सैलरी निकालनी है, तो 42 रूपए से ऊपर की एवरेज प्रति किलोमीटर चाहिए, लेकिन पूरा स्टाफ बुलाने के बावजूद एचआरटीसी का घाटा सरकारी खजाने पर एक बड़ा अतिरिक्त बोझ बढ़ा रहा है।