क्या हिमाचल को कर्ज मुक्त कर सकेगी पीएम माेदी की हिमचाल यात्रा

विनय महाजन। नूरपुर

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 दिसंबर सोमवार को हिमाचल प्रदेश के मंडी में आ रहे हैं।हिमाचल प्रदेश सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। प्रधान मंत्री की हिमाचल यात्रा क्या इस बार हिमाचल को कर्ज मुक्त कर सकेगी या फिर अन्य प्रधानमंत्रियों की यात्रा की तरह केवल एक यात्रा बनकर रह जाएगी। ऐसे अनेक प्रश्न जनता की जुबान पर चर्चित हैं। इस रैली को सफल बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश भाजपा सरकार ने पूरी तैयारियां लगभग कर ली हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार का पूरा प्रशासन इस रैली में भीड़ को जुटाने के लिए काफी दिनों से व्यवस्थित हैं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे को लेकर सरकारी खजाने पर करोड़ों का बोझ जनता पर पडे़गा। सरकार का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश के मंडी की रैली में हिमाचल प्रदेश को करोड़ों रुपए की सौगात विकास हेतु देंगे, जिस पर करोड़ों रुपए का खर्चा आएगा, जबकि विपक्ष हिमाचल की वित्तीय स्थिति को लेकर यह प्रश्न सत्ता पक्ष से कर रहा है कि मुख्यमंत्री इस अवसर पर प्रधानमंत्री के समक्ष भाषण में हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति को अगर बिना झिझक के जनसमूह के सामने बताते हैं, उन्हें जनहितैषी मुख्यमंत्री समझा जाएगा।

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अभी तक मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश में कर्ज लेने वाले मुख्यमंत्री के रूप में लोकप्रिय हैं, जबकि केंद्र व राज्य में भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार है। शायद इस बार प्रधानमंत्री भी मुख्यमंत्री से यह प्रश्न कर लें कि सरकार बार बार कर्ज क्यों लेकर हिमाचल को गिरवी रखने में जुटीहैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश के पार्टी संगठन के प्रभारी रह चुके हैं, जिन्हें हिमाचल की वित्तीय स्थिति का पता है। आखिर देव भूमि कर्ज की तरफ क्यों जा रही हैं। उधर, हिमाचल प्रदेश में हिमाचल पथ परिवहन निगम ने सरकार के आदेश पर हिमाचल प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में सेवारत बसों को आज प्रदेश के जिला मंडी में आज सुबह रवाना किया है। मंडी जाने के बाद इन चालक व परिचालकाें को आदेश होंगे कि उन्होंने किस गांव जाकर जनता काे रैली के लिए लानी है।

एनजू की नीली बसों को प्रधानमंत्री की रैली में जनता के हुजूम को लाने के लिए जिला मंडी में हर डिपुओं की इन बसों को भेजने का फरमान सुना दिया है। उल्लेखनीय है हर रविवार को ऐसी नीली बसें ग्रामीण क्षेत्रों में सवारी न मिलने के कारण बंद रहती हैं। सूत्रों से पता चला है कि सरकार ने प्राइवेट बसों की हड़ताल को लेकर जनहित में यह कदम उठाया है। उधर, चालक-परिचालकों का कहना है कि रविवार की डूयटी का अवकाश कव मिलेगा पता नहीं।