पंजाब के खनन माफियों से बंजर हुई प्रदेश की भूमि, ठप्प हुए रेल व यातायात पुल

उज्ज्वल हिमाचल। नूरपुर

नूरपुर हिमाचल प्रदेश व पंजाब सीमा के बीच चक्की दरिया में अभी तक दोनों तरफ़ हिमाचल प्रदेश व पंजाब राजस्व विभाग की अनेकों बार राजस्व लाइन को लेकर बेठकें हुई लेकिन राजनीति विवादों के कारण इस समय का समाधान न होने से इन इलाकों में पंजाब का खनन माफिया वे खोफ़ खनन हिमाचल प्रदेश में अवैध खनन करने में कामयाब रहा है।

अवैध खनन सरकार के लिए बना चुनौती पूर्ण मुद्दा

पंजाब के इस खनन माफिया के कारण हिमाचल प्रदेश के इस इलाके की उपजाऊ भूमि बंजर हो गई। जिस कारण पानी का स्रोत में काफी गिरावट आने से यहां की हरियाली को ग्रहण लग गया। आखिरकार मुख्यमंत्री के लिए मुख्य मुद्दा यह है कि चक्की दरिया में अवैध खनन पर कैसे पुरी तरह विराम लगाया जाए। यह सरकार के लिए भी एक चुनौती पूर्ण मुदा भी है। बीजेपी सरकार ने इस मामले में धरातल पर। कोई कार्यवाही नहीं की। बीजेपी के एक पूर्व मंत्री ने इस मामले में काफी मुशक्कत की लेकिन जयराम की सरकार अवैध खनन को रोकने में असफल रही। इस पुर्व मंत्री ने कोशिश की लेकिन इसका निर्वाचन क्षेत्र बदल दिया गया।

अवैध खनन के कारण टूटी कई सड़कें

इस इलाक़े में अवैध खनन के कारण रेल व यातायात पुल टूट गए जिस कारण जनहित से जुड़े लोगों में काफी गुस्सा है कि मोदी की सरकार ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। अभी हाल में मौजूदा सरकार ने कुछ माह पहले स्टोन क्रेशर भी बन्द किए थे उसके बावजूद भी पनजव का खनन माफिया अवैध खनन करता रहा। किसका कारण सरकारी तंत्र में कोई विभीषण होने के कारण राज्य का सरकारी तन्त्र धरातल पर अंकुश आज तक नहीं लगा पाया।

पहले भी हो चुकी हैं कई प्रशासनिक अधिकारियों की बैठकें

गौरतलब है कि राकेश प्रजापति जब नूरपुर में एसडीएम के पद पर कार्यरत थे तब उन्होंने इस मामले में अवैध खनन को रोकने के लिए दोनों राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक नूरपुर करवाई थी। उनके नूरपुर से जाने के बाद किसी प्रशासनिक अधिकारी ने इस मामले पर गौर नहीं किया। जिसका खमियाजा आज दोनों तरफ के लोग भुगत रहे हैं। लोगांे का इस मामले में कहना है कि जब तक दोनों राज्यो के उच्च अधिकारियों की बैठक इस रिर्जव लाइन के निर्धारण को लेकर नहीं होती तब तक इस इलाके में अवैध खनन नहीं रुक सकता चाहे सरकार कितने चालान करके सरकारी खजाने में राजस्व जमा करती रहे।

विभाग केवल मीटिंग तक रहता है सीमित

छापामारी की सूचना इन लोगो के पास पहले होने के कारण ऐसे खनन माफिया पहले ही चौकस होकर पंजाब में चले जाते हैं। अवैध खनन को रोकने के लिए सरकार के 5 विभागों में पुलिस व माइनिंग विभाग ही धरातल पर आकर देखा गया है। शेष विभाग केवल मीटिंग तक सीमित रहती है इसका कारण सुरक्षा बताया गया है। अव लोगो को मुख्यमंत्री से ही आशा है कि इस मामले में राजनीति को दर किनार करके जनहित में एक ऐसी योजना बनाई जाएं जो प्रदेश को अवैध खनन से मुक्ति दिला सके। अभी इस मामले में सरकारी दारा एक कमेटी का गठन विभाग सीनियर आईएएस अधिकारी राकेश प्रजापति की मोजूदगी में करोड़ों रुपए के अवैध खनन की जांच करेगी।

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माइनिंग अधिकारी बोले- जल्द इस समस्या पर लगाया जाएगा अंकुश

इस निर्णय का जनता ने स्वागत किया है। नूरपुर में माइनिंग विभाग के अधिकारी नीरज कात का कहना है कि अभी हाल में मौजूदा चार्ज लिया है। जनता के साथ मिलकर इस पर अंकुश लगाया जाएगा। कुछ दिन पहले उन्होंने अवेध खनन के नूरपुर इलाके में 17 चालान करके क्रमश 97600 व 69500 रुपए की जुर्माना राशि वसूल की है। अगर यहां पर राजस्व लाइन लग जाए फिर अवैध खनन पर अंकुश लग जायेगा। दूसरा कारण काफी समय पहले कुछ हिमाचल वसिंदो ने पंजाब के लोगांे ने अपनी उपजाऊ भूमि ऐसे लोगों को वेची थी जो आज विनाश का मुदा बन गई है।

संवाददाताः विनय महाजन

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