ऐसे में कैसे लड़ेंगे इस आपदा से, नोडल अफसर बनने से भाग रही अफसरशाही : राणा

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। हमीरपुर

राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि महामारी से निपटने के बड़े-बड़े दावे करने वाली प्रदेश सरकार के वीआईपी आईएएस अब नोडल ऑफिसर बनने से भाग रहे हैं। जो नोडल ऑफिसर बन चुके हैं उनके फोन किसी राहत के लिए जनता को नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह लगातार जनता व कुछ कर्मठ अधिकारियों की फीडबैक पर इस मामले को उठाते रहे हैं कि अफसरशाही सरकार पर पूरी तरह हावी और प्रभावी है लेकिन सरकार न तो इस मामले पर कोई स्पष्टीकरण दे पाई है और न ही बेलगाम अफसरशाही पर कोई लगाम लगा पाई है।

राणा ने कहा कि बीते दिन 5 मई मंगलवार आधी रात को उन्हें शिमला से कुछ कर्मठ अधिकारियों ने जानकारी दी कि सरकार की चेहती अफसरशाही अब महामारी के दौर में नोडल अफसर बनने से लगातार कन्नी काट रही है। मामला तब हद से बढ़ गया जब बीती रात कोरोना महामारी की चपेट में आए एक अभागे युवक की शिमला में मौत हो गई, लेकिन सरकार की चेहती अफसरशाही ने कोरोना प्रोटोकॉल पर कुंडली मारकर शव के अंतिम संस्कार के लिए खूब ड्रामा किया व अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी से कन्नी काटते हुए कोरोना प्रोटोकॉल को पूरी तरह दरकिनार करते हुए इसकी जिम्मेदारी महातात अधिकारियों पर थोंपने का प्रयास करते रहे।

उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि अफसरशाही सिर्फ कार्यालय में बैठ कर ऊपर का ऑर्डर नीचे पास कर रही है, बाकि सब ईश्वर के सहारे चल रहा है। अफसरशाही को न सरकार का लिहाज है और न खौफ? लेकिन हैरत यह है कि सरकार इस सब पर कमजोर नेतृत्व का परिचय देते हुए निरंकुश अफसरशाही के आगे मूक और मौन अवस्था में है। अफसरशाही इस वक्त या तो सरकार की तर्ज पर वाहवाही लूटने में लगी है या फिर कार्यालयों में बैठकर कागजों में कोरोना की जंग लड़ रही है। मास्क बांटने के ढोंग से कोरोना महामारी रुकने वाली नहीं है। महामारी की भीषणता को देखते हुए सरकार को परिपक्व व दृढ़ इच्छा शक्ति का सबूत व साक्ष्य देना होगा। अन्यथा झूठी वाहवाही कहीं प्रदेश पर कोई बड़ा संकट न खड़ा कर दे? राणा ने कहा कि समूची कांग्रेस पार्टी व प्रदेश की जनता सरकार का पूरा सहयोग कर रही है, लेकिन सरकार को भी संकट के इस दौर में सरकार की तरह एक्ट व कंडक्ट करना होगा।