एकल विद्यालय को लेकर संजय पराशर के प्रयास लाने लगे रंग

छह इंग्लिश व कंप्यूटर लर्निंग सेंटर में विद्यार्थियेां का आंकड़ा 522 तक पहुंचा

उज्जवल हिमाचल। चिंतपूर्णी

एकल विद्यालय की संरचना काे लेकर जो कैप्टन संजय पराशर ने जसवां-परागपुर क्षेत्र में प्रयास शुरू किए थे, उसके सकारात्मक परिणाम अब सामने दिखने लगे हैं। शिक्षा व रोजगार के ध्येय पर प्रमुखता से काम कर रहे संजय द्वारा खोले गए फ्री कंप्यूटर व इंग्लिश लर्निंग सेंटर में गुणवत्ता से शिक्षा देने का असर ही है कि पहले खुले पांच छह ऐसे केन्द्रों में विद्यार्थियों की संख्या का आंकड़ा 522 तक पहुंच गया है और प्रतिदिन विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज हो रही है। बड़ी बात यह भी है कि एक ही छत के नीचे तीन साल से लेकर पैंतालीस वर्ष तक आयु के विद्यार्थी, युवा व महिलाएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों की मिली फीडबैक के बाद पराशर अब 25 व 26 दिसम्बर को कस्बा कोटला और बाड़ी पंचायत के दड़ब में भी निशुल्क अंग्रेजी व कंप्यूटर लर्निंग सेंटर खोलने जा रहे हैं।

दिलचस्प यह भी है कि विद्यार्थियों की पढ़ाई के साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों का भी सृजन हो रहा है। अब तक इन केंन्द्रों के माध्यम से सोलह युवा रोजगार प्राप्त कर चुके हैं। वहींं, कैप्टन संजय ने निर्णय लिया है कि अगले वर्ष के मार्च तक जसवां-परागपुर में कुल 25 ऐसे केन्द्र जसवां-परागपुर क्षेत्र के विभिन्न गांवों में खोले जाएंगे। दरअसल कटोह-टिक्कर, लग्ग, नारी-घाटी, चौली, स्वाणा और मेहड़ा के इंग्लिश लर्निंग व कंप्यूटर केन्द्रों भी विद्यार्थियों की रूचि इसलिए भी बढ़ी है क्योंकि वहां विद्यार्थियों को प्राचीन गुरूकल जैसी आध्यात्मिक पंरपराओं का निर्वहन करना सिखाया जा रहा है तो आधुनिक तरीकों से भी शिक्षित किया जा रहा है। एक तरफ बच्चे हनुमान चालीसा कंठस्थ कर चुके हैं तो दूसरी तरफ अंग्रेजी की कविताएं भी पढ़कर सुनाते हैं। सामान्य ज्ञान और कंप्यूटर से संबंधित कक्षाएं रोज लग रही हैं। इसके अलावा प्रतितयोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रशिक्षित स्टाफ मेहनत कर रहा है। सभी केन्द्रों में इंटरनेट सुविधा के साथ प्रिंटर भी उपलब्ध हैं।

अवकाश के दिनों में भी केन्द्र खुले रहने से विद्यार्थियों को कक्षाओं के विषयों के अलावा व्यक्तित्व के निर्माण पर भी जोर दिया जा रहा है। लग्ग गांव की महिला प्रेम लता ने बताया कि उन्होंने सपने भी नहीं सोचा था कि वह भी कभी कंप्यूटर सीखेंगीए लेकिन कैप्टन संजय के कारण घर के पास खुले केन्द्र में वह कंप्यूटर के अलावा अंग्रेजी भाषा का भी ज्ञान प्राप्त कर रही हैं। वहींए संजय पराशर का कहना है कि गांवों में विद्यार्थियों व युवा वर्ग की प्रतिभा को निखारेने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। शिक्षा व रोजगार के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करने के बाद यह बात साफ है कि निश्चित तौर पर आने वाले समय में इन केन्द्रों का लाभ छात्रों को मिलने वाला है। कहा कि सेना में भर्ती में रूचि रखने वाले युवाओं के लिए भी क्षेत्र में कोचिंग सेंटर खोलने की योजना है, जिसमें सेवानिवृत सैन्य अधिकारियों की सेवाएं ली जाएंगी।
सरकार द्वारा स्कूलों में फ्री कंप्यूटर शिक्षा करने के सरकार के निर्णय का किया स्वागत
संजय पराशर ने प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों में कंप्यूटर फीस ने लेने के निर्णय का स्वागत किया है। कहा कि अगर सरकार यह निर्णय कोरोनाकाल शुरू होते ही ले लेती, तो ज्यादा बेहतर रहता। बताया कि कंप्यूटर फीस को लेकर उन्हाेंने भी सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी, जिससे कि ज्ञात हुआ कि बिना कंप्यूटर सीखें ही फीस देनी पड़ी। अब सरकार के इस फैसले के बाद निस्संदेह गरीब अभिभावकों को राहत मिलेगी।