टैरस में लगते उद्योग ताे आज रिड़ी कुठेड़ा होता ज्यादा खुशहाल : कैप्टन संजय

उज्जवल हिमाचल। संसारपुर टैरस

कैप्टन संजय ने कहा कि अगर औद्योगिक क्षेत्र संसारपुर टैरस में नए उद्योगों की स्थापना हुई होती तो रिड़ी कुठेड़ा पंचायत आज ज्यादा खुशहाल व स्मृद्ध होती और स्थानीय युवाओं के लिए भी रोजगार के नए अवसरों का सृजन होता। रविवार को जसवां-परागपुर क्षेत्र की रिड़ी कुठेड़ा पंचायत में 23वें महायज्ञ में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए पराशर ने कहा कि इस पंचायत में शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी काम करने की आवश्यकता है।
संजय पराशर ने कहा कि रिड़ी कुठेड़ा का यह क्षेत्र पंजाब राज्य के साथ सटा हुआ है। संसारपुर टैरस पुराना औद्योगिक क्षेत्र है, लेकिन जहां पर अधिकतर उद्योग बंद पड़े हुए हैं। बड़ी औद्योगकि इकाईयों ने कभी इस क्षेत्र का रूख नहीं किया। परिणामस्वरूप यहां रोजगार के साधन सीमित रहे।

कहा कि नामी औद्योगिक घरानों का इस क्षेत्र में दिलचस्पी न रखने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन अगर रेलवे ट्रैक संसारपुर टैरस में पहुंचाने के प्रयास किए होते तो निश्चित तौर पर आज यह क्षेत्र पूरी तरह से आबाद होता। संजय ने कहा कि संसारपुर टैरस के साथ लगते गांव बढाल में सात हजार कनाल भूमि का उपयोग अब तक नहीं हो पाया है, जबकि यह जमीन पिछले कई वर्षों से उद्योग विभाग के पास खाली पड़ी हुई है। अच्छा होता कि इस दिशा में सार्थक कदम उठाए जाते और इस औद्योगिक क्षेत्र में उद्याेगों की स्थापना हुई होती। पराशर ने कहा कि बेशक बेरोजगारी का मुद्दा आज की सबसे बड़ी समस्या बनता जा रहा है, लेकिन सच यह भी है कि अगर औद्योगिक संचालक निवेश करें आैर उद्योग लगाएं तो रोजगार के नए साधनो का सृजन हो सकता है।

इसके लिए धरातल पर काम करना होगा और इसके साथ उद्योगों को भी तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवानी होंगी, जिसकी वे मांग करते हैं। संजय ने कहा कि रिड़ी कुठेड़ा से उनका विशेष नाता रहा है। तीसरा मेडीकल कैंप उन्होंने इसी पंचायत में लगाया था और यह स्वास्थ्य शिविर बड़े मेडीकल कैंपों में शामिल रहा, जिसमें 1200 से ज्यादा लाभार्थियों ने अपने स्वास्थ्य की जांच करवाई। इस कैंप की एक विशेषता यह भी रही कि स्थानीय वासियों ने शिविर को सफल बनाने में अपना बहमूल्य योगदान व सहयोग दिया। पराशर ने कहा कि कैंप के दौरान मूसलाधार बारिश भी हुई थी तो उन्होंने निर्णय लिया कि चौकी दी बड़ के बाबा सिद्ध चानों मंदिर में वह शेड का निर्माण करवाएंगे। अब इस मंदिर में शेड निर्मित हो गया है और राहगीरों काे धूप व बारिश के मौसम मे सुविधा मिलती है।

संजय ने कहा कि महायज्ञों के आयोजन के पीछे उनकी सोच है कि सामाजिक समरसता और आपसी भाईचारा बना रहे। महायज्ञों में वह क्षेत्रवासियों की सुख-स्मृद्धि, बच्चों के उज्जवल भविष्य, युवाओं को रोजगार और बुजुर्गों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं। रिड़ी कुठेड़ा के महायज्ञ में मलकीयत सिंह, रत्न चंद, स्वरूप सिंह, शमशेर सिंह, नसीब सिंह, अजय कुमार, सुनीता कुमारी, सुषमा, सुरेश, सुरेन्द्र, रविन्द्र सिंह और देवराज सहित कई गणमान्य मौजूद रहे।