प्रदेश कांग्रेस महासचिव केवल सिंह पठानिया ने प्रदेश सरकार बोला हमला

विनय महाजन। नूरपुर

पठानिया ने कहा कि आज प्रदेश के हर बर्ग के कर्मचारी अपने हक की लड़ाई के लिए सड़कों पर उतर आए है और प्रदेश सरकार की नजर इन कर्मचारियों पर नही बल्कि अपनी नाकामी को छुपाने के लिए पुलिस बल का प्रयोग करके इन कर्मचारियों की अबाज़ को दबाने में लगी है। पठानिया ने इन कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज करवाने के लिए कड़ी निंदा की। पठानिया ने कहा कि प्रदेश सरकार को प्रदेश के आशा वर्कर, आंगनबाड़ी, कार्यकर्ताओ को सम्मान देना चाहिए था जिन्होंने करोना काल मे आगे आ कर अपने ओर अपने परिवार को जोखिम में डाल कर जनता की सेवा की थी लेकिन प्रदेश सरकार ने अपनी घटिया मानसिकता का परिचय दे कर सम्मान देने के बजाए लाठियां बरसाई।इस सरकार को अब सत्ता में रहने का कोई हक नही है।

पठानिया ने कहा कि पिछले कल सचिवालय के घेराव को पहुंचे भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं को लाठियां खानी पड़ी सोमवार को सचिवालय के गेट के बाहर कार्यकर्ताओं को पुलिस कर्मियों ने धक्कामुक्की की और इस दौरान महासंघ के महासचिव और कांगड़ा जिला के गंगथ से एक महिला आशा वर्कर कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल महिला पूनम देवी करीब 45 मिनट तक सड़क पर ही पड़ी रही। बाद में हालत में सुधार न होता देख हमीरपुर से आए अन्य कार्यकर्ता महिला को उठाकर छोटा शिमला की डिस्पेंसरी में ले गए। यहां महिला को उपचार दिया गया। जिस समय महिला को उपचार दिया जा रहा था। उधर प्रदेश के नोजवान बेरोजगारों को भी परीक्षा देने के लिए सरकार की नाकामी से भारी तकलीफों का सामना करना पड़ा।

अगर सरकर ने बक्त रहते इन कर्मचारियों की मांगों पर गौर की होती तो किसी को भी किसी भी प्रकार की तकलीफ का सामना नही करना पड़ता इस धरने से प्रदेश की आम जनता भी अछूती नही रही कही न कही आम जनमानस को भी धरने की वजह से कई लोगों को परेशान होना पड़ा है। धरने से ठीक पहले संजौली की तरफ से आ रही निजी बसों ने सवारियों को छोटा शिमला में ही उतार दिया। करीब एक बजे बस से उतारी गई सवारियों में चार ऐसे आवेदक भी थे, जिन्हें नीट की परीक्षा देनी थी परीक्षा स्थल पर पहुंचने के लिए उन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा। इसी बीच सभी आवेदक सरकार को कोसते नजर आए। बड़े दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश के कर्मचारी बर्ग अपने हक के लिए अबाज़ उठा रहे है और सरकार पुलिस द्वारा मजदूर संघ के पदाधिकारियों सहित कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज करने में लग गयी। एफआईआर तो उन लोगो पर होनी चाहिए जिनके द्वारा ये सब हुआ इसका जिमेदार सरकार में बैठे मुख्यमंत्री, मंत्री, बिधायक है।

पठानिया ने कहा कि प्रदेश सरकार को इन कर्मचारियों के हर बर्ग की मांगों पर विचार करके पूरा करना चाहिए।कांग्रेस पार्टी इन प्रदेश के सभी बर्ग के कर्मचारियों, मनरेगा और निजी उद्योगों और असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत कामगारों को 18 हजार रुपए मासिक वेतन देने, दैनिक भोगी कामगारों को प्रतिवर्ष तीन माह की वेतन वृद्धि, दैनिकभोगी कामगारों को अवकाश, आशा वर्करों को स्थायी नीति और न्यूनतम वेतनमान, आयुर्वेदिक में एएनएम पद पर स्थायी नियुक्ति, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्थायी नीति, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हरियाणा की तर्ज पर महंगाई सूचकाक में लिया जाए सिलाई अध्यापिका का पदनाम बदलने, अंशकालीन कर्मचारियों को पाच वर्ष में नियमित करने, आउटसोर्स कर्मचारियों को वेतन वृद्धि और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा सातवें वेतन आयोग की शर्त को लागू करने की भी मांगों का समर्थन करती है।