उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। शिमला
नगर निगम शिमला द्वारा ऐतिहासिक स्टेट लाइब्रेरी रिज मैदान के जीर्णोद्धार करने के नाम पर प्रदेश के विभिन्न कोनों से आए छात्रों का हक छीना जा रहा है। यह आरोप स्टेटलाइब्रेरी में पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने लगाया है। इसके खिलाफ विद्यार्थियों ने रिज मैदान पर इकठ्ठे होकर विरोध जताया। प्रदेश लाइब्रेरी में अभी लगभग 40 हजार छात्र पंजीकृत है। उसका जीर्णोधार करने के नाम पर वहां पर कैफे खोलना सरासर नइंसाफी है। राज्य पुस्तकालय में पढ़ाई करने आए छात्र-छात्राओं का कहना है कि स्टेट लाइब्रेरी को कैफ़े में तबदील करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
यहां वह दूर-दूर से बस में सफर करके पढ़ाई करने आते हैं, लेकिन इसे कैफ़े बनाना युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है। शिमला में विधानसभा के पास बनी लाइब्रेरी में भी जगह नहीं होती है, उसके बाद वह यहां आते हैं। राज्य पुस्तकालय में भी जगह नहीं मिलती है। ऐसी सूरत में राज्य पुस्तकालय को कैफेटेरिया बनाना गलत है, जिसे छात्र हरगिज बर्दास्त नही करेंगे। वहीं, शिमला के वरिष्ठ नागरिकों ने भी निगम के इस निर्णय को सही नही बताया है।
उनका कहना है कि पूरा शिमला होटलों ढाबों से भरा पड़ा है। ऐसे में राज्य पुस्तकालय जहां बैठकर युवा पीढ़ी अपने सुनहरे भविष्य के लिए मेहनत करते हैं, उसे कैफ़े बनाना गलत है। विद्यार्थि भारत का भविष्य है, इसलिए लाइब्रेरी को विद्यार्थियों के लिए खुला रखना चाहिए।