एसएम आई अस्पताल में काला मोतिया और परदे के आगे खून जमा होने का हुआ सफल ऑपरेशन

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

कांगड़ा के प्रसिद्ध संस्थान एसएम आई अस्पताल कांगड़ा के प्रबंध निदेशक एवं सर्जन डॉ संदीप महाजन ने  कहा कि धुमेह (डायबिटीज) हमारे आंखों को विभिन्न रूपों से प्रभावित करता है। जैसे कि पर्दे को खराब करना, खुन का पर्दे पर जम जाना, काला मोतिया व सफेद तिया का बनना, ऑप्टिकल नर्व में सूजन का होना इत्यादि, जिसका समय पर इलाज न करने से दृष्टि को हानि हो सकती है और कोई भी अंधेपन का शिकार हो सकता है।

उन्हाेंने कहा कि शुगर की बीमारी से पीड़ित 60 वर्षीय पुरुष ने पिछले 3 महीने से अपनी बाई आंख की रोशनी खाे दी थी। मधुमेह के कारण बाई आंख में काला मोतिया और परदे के आगे खून जमा होने के कारण ऑपरेशन करना जटिल था। डॉ गीतांजलि सूद रेटिना सर्जन ने एसएम आईज इंस्टिट्यूट में अपने सहयोगियों डॉ आदित्य पराशर और डॉ शिल्पा सूद के साथ मिलकर जटिल ऑपरेशन करके मरीज की रोशनी को वापस ला दिया।

यह कठिन ऑपरेशन केवल प्रमुख संस्थानाें में ही हाे सकता था। उन्हाेंने कहा कि केवल रोशनी वापस आ गई, बल्कि काला मोतिया भी ठीक हो गया। आंखों की दो घातक बीमारी है, काला मोतिया व पर्दे पर खून जमा होना, को ठीक करना हिमाचल प्रदेश के वासियों के लिए ऐसा संस्थान भगवान की अपार कृपा से देश के उच्चतम संस्थानों में प्रशिक्षण ग्रहण की हुईं हिमाचल की तीन बेटियां, जिनमें डॉक्टर गीतांजलि प्रमुख सर्जन है एक ईश्वरीय देन है।