सुक्खू सरकार जनजातीय इलाकों में स्थापित करेगी दो डॉपलर रडार स्टेशन

हिमाचल में मौसम पूर्वानुमान निगरानी तकनीक होगी स्थापित

Sukhu government will set up two Doppler radar stations in tribal areas

उज्जवल हिमाचल। शिमला

प्रदेश सरकार शीघ्र ही किन्नौर और लाहौल-स्पिति ज़िलों में मौसम के सटीक पूर्वानुमान के लिए दो और डॉपलर रडार स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रही है। इससे प्रदेश में शीघ्र ही मौसम पूर्वानुमान के लिए वैज्ञानिक डॉटा की पूरी कवरेज़ होगी। सरकार का यह कदम संवदेनशील (sensitive) क्षेत्रों में भारी बारिश और हिमपात आदि की स्थिति में नुकसान को कम करने के लिए त्वरित उपाय करने में सहायक सिद्ध होगा। इससे जिला प्रशासन को स्थिति के सही आकलन के लिए सतर्क करने में भी मदद मिलेगी।

चंबा जिले के जोत और मंडी जिले के मुरारी देवी में हाल ही में दो डॉपलर रडार स्टेशन स्थापित किए गए हैं, जिससे राज्य का 70 प्रतिशत क्षेत्र पहले ही इसके अंतर्गत आ चुका है। यह स्टेशन 100 किलोमीटर के दायरे में मौसम के पूर्वानुमान पर वैज्ञानिक डॉटा उपलब्ध करवाता है। प्रदेश में दो और स्टेशन स्थापित होने से पूरे राज्य में समय पर मौसम पूर्वानुमान सुनिश्चित किया जा सकेगा।

डॉपलर रडार तकनीक मौसम विभाग को मौसम की सटीक स्थिति और पूर्वानुमान लगाने में सक्षम बनाएगी, जिससे समय पर जान-माल की सुरक्षा भी हो सकेगी। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) प्राकृतिक आपदाओं के दृष्टिगत संदेनशील है, जिससे प्रदेश में रडार स्टेशनों का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। नए स्टेशन मौसम की निगरानी क्षमता को बढ़ाएंगे, जिससे प्रशासन को आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए शीघ्र प्रबंध करने में मदद मिलेगी।

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इन नये स्टेशनों (new stations) की स्थापना का मामला केंद्र सरकार के समक्ष उठाया गया है और इनकी स्थापना की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से अत्याधुनिक तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।

राज्य सरकार डॉपलर रडार स्टेशन स्थापित करने के अलावा केंद्र सरकार की मदद से कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में एक उच्च स्तरीय अत्याधुनिक भूकम्पीय प्रयोगशाला एवं डॉटा विश्लेषण केंद्र स्थापित करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। प्रयोगशाला एवं डॉटा विश्लेषण केंद्र स्थापित होने से न केवल बहुमूल्य जीवन (precious life) को सुरक्षित किया जा सकेगा अपितु मौसम सम्बंधी सटीक जानकारी भी समय पर उपलब्ध हो सकेगी।

ब्यूरो रिपोर्ट शिमला

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