ब्याज माफी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्ली

केंद्र सरकार ने लोन मोराटोरियम मामले में सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल किया है। केंद्र सरकार के मुताबिक मौजूदा स्थिति में विभिन्न सेक्टर्स को और राहत देना संभव नहीं है और कोर्ट को राजकोषीय नीति के मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट लोन मोराटोरियम की अवधि के ब्याज पर ब्याज को माफ किए जाने की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर थोड़ी देर में सुनवाई शुरू करेगा। इससे पहले जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई को बुधवार तक के लिए टाल दिया था।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पांच अक्तूबर को सरकार के हलफनामे पर असंतोष जताया था। इसके बाद शीर्ष न्यायालय ने केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक को विस्तृत जानकारी के साथ अतिरिक्त हलफनामा प्रस्तुत करने को कहा था। सरकार ने अपने नए हलफनामे में कहा है कि नीति निर्माण सरकार का काम है और कोर्ट को सेक्टर विशेष को वित्तीय राहत देने के मामलों पर विचार नहीं करना चाहिए।

दो करोड़ रुपए तक के लोन पर मोराटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज में दी गई राहत से ज्यादा छूट देना इकोनॉमी एवं बैंकिंग सेक्टर के लिए घातक होगा। केंद्र सरकार ने इससे पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि दो करोड़ रुपए तक के एमएसएमई और पर्सनल लोन पर छह महीने के मोराटोरियम अवधि के ब्याज पर ब्याज को नहीं वसूला जाएगा। सरकार इस छूट पर आने वाले खर्च को खुद वहन करेगी।