Breaking : कांगड़ा प्रकरण का मामला पहुंचा राजधानी शिमला

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। शिमला

प्रदेश सचिवालय में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात कर दी पूरी जानकारी तथा मुख्यमंत्री से की मांग कि वह पूरे प्रकरण की करें जांच । कहा- कोविड 19 के समय ऐसी क्या जरूरत आ पड़ी कांगड़ा के रेस्ट हाउस में सांसद किशन कपूर के नेतृत्व में बैठक करने की जरूरत । वहीं नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया ने कहा मुख्यमंत्री ने कांगड़ा जिला में किया काफी विकास जिसके चलते कांगड़ा जिला के सभी विधायक हैं मुख्यमंत्री जयराम के साथ…

  • बैठक के खिलाफ विधायकों ने नड्डा को  लिखा पत्र

प्रदेश भाजपा के भीतर लगता है सब ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी के भीतर असंतोष पनपने लगा है और पिछले कुछ दिनों से कांगड़ा के भीतर चल रही गतिविधियां साफ संकेत है कि संगठन के भीतर कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है। पिछले दिनों कांगड़ा में सांसद किशन कपूर की अगुवाई में कुछ भाजपा नेताओं की हुई बैठक ने जिस तरह से तूल पकड़ा है, उससे तो यही लगता है। वहीं, इस बैठक के खिलाफ कांगड़ा जिले के कुछ विधायकों ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर रही सही कसर पूरी कर ली। इससे वहां खेमेबाजी खुलकर बाहर आ गई है और तलवारें दोनों ओर से खिंच गई है। कांगड़ा रेस्ट हाउस में किशन कपूर की अगुवाई में हुई बैठक में पूर्व मंत्री रविंद्र रवि समेत 11 नेता मौजूद थे।

  • सांसद का पत्र को सार्वजनिक करना अनुशासनहीनता  करार दिया

हालांकि इस बैठक को किशन कपूर ने रूटीन का मिलना जुलना बताया। उनके मुताबिक वे सांसद हैं और पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलना उनका कार्य है। इस दौरान कोविड-19 से पैदा हालात पर भी विचार-विमर्श हुआ है। लेकिन कांगड़ा जिले के कुछ विधायकों ने इस बैठक पर कड़ा ऐतराज जताया है। भाजपा के वरिष्ठ विधायक राकेश पठानिया की अगुवाई में इस जिले के कुछ विधायकों ने इस बैठक पर आपत्ति जताते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिख डाला। इस पत्र के मीडिया में आते ही बवाल खड़ा हो गया। सांसद किशन कपूर ने पत्र को सार्वजनिक करने के कदम को अनुशासनहीनता तक करार दिया है।

  • कोविड के दौर में ऐसी बैठक करने की क्या जरूरत पड़ी

इस पत्र में कांगड़ा के सांसद किशन कपूर द्वारा बुलाई गई बैठक को पार्टी के खिलाफ बताया है। साथ ही मांग की गई है कि कोविड के इस दौर में ऐसी बैठक करने की क्या जरूरत थी। इसकी जांच होनी चाहिए। इन विधायकों ने शंका जताई कि यह बैठक किसी षड्यंत्र का हिस्सा हो सकती है। ऐसे में इस बैठक को लेकर जांच की जानी चाहिए। भाजपा विधायकों ने इस बैठक की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं। उधर, राकेश पठानिया ने मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात की। समझा जाता है कि इस दौरान कांगड़ा प्रकरण पर चर्चा की गई है। राकेश पठानिया ने सीएम को वहां के ताजा हालात से भी अवगत करवाया है।

  • कांगड़ा में विधायकों में कोई कलह नहीं

मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद राकेश पठानिया ने कहा कि कांगड़ा में सब ठीक ठाक है। कांगड़ा में विधायकों में कोई कलह नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी के विधायकों ने लिखकर दिया है कि कोविड के दिनों में यह बैठक कैसे और क्यों हुई। इसकी जांच की जाए। उन्होंने इसकी टाइमिंग पर भी सवाल उठाए और इस बैठक को आयोजित करने वालों से भी पूछा कि वे इस समय ऐसी बैठक कर क्या संदेश देना चाहते हैं। ऐसे लोग पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं या कमजोर करना चाहते हैं।

  • सरकार कांगड़ा से ही बनती है और वहीं से  गिरती भी है

राकेश पठानिया ने कहा कि सरकार कांगड़ा से ही बनती है और वहीं से ही गिरती भी है और वहां पर भाजपा एकजुट है। उन्होंने किशन कपूर और रविंद्र रवि पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि इस बैठक में ऐसे लोग शामिल थे जो सरकार का हिस्सा रह चुके हैं। पठानिया ने कहा कि कुछ लोग कुछ प्लान करना चाह रहे हैं , लेकिन वे मैटर नहीं रखते। कांगड़ा में भाजपा पूरी तरह से एकजुट है और सब भाजपा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में एकजुट है।

  • पार्टी में किसी प्रकार का कोई असंतोष नहीं: भारद्वाज

इस बीच, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कांगड़ा प्रकरण पर कहा कि पार्टी में किसी प्रकार का कोई असंतोष नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले दो-ढाई माह से सारी गतिविधियां बंद थी। ऐसे में कोई मिला या बैठक हुई तो उसे असंतोष नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि बैठक करना और पत्र लिखना औचित्यहीन है। भारद्वाज ने कहा कि पार्टी नेतृत्व के संज्ञान में सारी बातें हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के पास दूरदर्शी और मजबूत नेतृत्व है और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ध्यान में भी सारी बाते हैं और उनके पास सारी जानकारी है।