40 लाख के एडवांस हाईटेक उपकरणों से लेस मेडिकल कॉलेज नेरचौक ब्लड बैंक

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

जिला मंडी के नेरचौक स्थित लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज और डेडिकेटेड कोविड हास्पिटल को
आखिरकार अपना हाईटेक ब्लड बैंक मिल गया है। इसको लेकर मेडिकल कॉलेज नेरचौक में सेंट्रलाइज्ड एसी के
साथ लगभग 40 लाख रुपयों के हाईटेक उपकरणों से लेस ब्लड बैंक की स्थापना कर दी गई है। इस ब्लड बैंक में
300 यूनिट के ऊपर खून को स्टोर किया जा सकता है। बता दें कि पिछले लगभग एक वर्ष से ऊपर के समय से
मरीजों को इस सुविधा की दरकार थी। मरीजों को समस्या का सामना करते हुए जोनल अस्पताल मंडी में मौजूद
ब्लड बैंक से खून मुहैया करवाया जाता था। इस कारण मरीजों के तामीरदारों को समस्या से झूझते हुए अमुमन
देखा जाता था। वर्तमान में ब्लड बैंक में बतौर इंचार्ज डा. रिचा गुप्ता(एमडी पैथोलॉजी) अपने अन्य 10 प्रशिक्षित
स्टाफ के साथ सेवाएं दें रही है।

 

ब्लड बैंक नेरचौक में ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट,1940 और भारत सरकार द्वारा 2020 मेंब्लड बैंक स्थापना की गाईडलाईन में किए गए बदलाव के अनुरूप समस्त सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस ब्लड बैंक में मौजूद एडवांस हाईटेक सुविधाएं हिमाचल प्रदेश के किसी अन्य मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मौजूद नहीं हैं। वहीं मेडिकल कॉलेज नेरचौक डेडिकेटेड कोविड हास्पिटल होने के कारण इस ब्लड बैंक में कोविड पॉजिटिव मरीजों के लिए अलग से कोविड लैब का प्रावधान भी किया गया है। जहां पीपीई किट और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिए गए एसओपी को ध्यान में रखकर स्टाफ द्वारा खून मुहैया करवाया जाता है। ब्लड बैंक के मुख्य आकर्षण रिसेप्शन एरिया, काउंसिल काउंटर, एडवांस डोनर रूम,एलसीडी युक्त वेटिंग एवं रिफ्रेशमेंट रूम और एडवांस लेबोरेटरी के अलावा कई अन्य सुविधाएं मौजूद हैं।

  • ब्लड बैंक की विशेषताएं…..

ब्लड बैंक के बारे में जानकारी देते हुए डा. रिचा गुप्ता ने कहा कि इस ब्लड बैंक में अंतरराष्ट्रीय स्तर के टेस्टिंग
उपकरण मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि रक्तदाता की सुविधा के लिए काउंसिल कांउटर जहां उन्हें मौजूद एमओ से
फिटनेस लेने के बाद डोनर रूम में एडवांस ट्रिपल मोटर्ड डोनर काउच पर रक्तदान करवाया जाता है। उन्होंने
कहा कि इस ब्लड बैंककी एक और खासियत इसका वेटिंग एवं रिफ्रेशमेंट रूम हैं जहां डोनर को रक्तदान के
बाद एडवांस काउच, एलसीडी व बैनर के माध्यम से बेस्ट फालोअप दिया जाता है।

  • मानकों के अनुसार सीरोलॉजी लैब भी है मौजूद

डा. रिचा ने कहा कि रक्तदाता द्वारा दान किए गए खून में संक्रमण आदि सेे रोकने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय और
प्रदेश सरकार के मानकों के अनुसार सीरोलॉजी लैब भी मौजूद है। इस लैब में रेपिड व एलाइजा टेस्ट किए जाते
हैं। उन्होंने कहा कि लैब में खून की क्रास मेचिंग और ग्रुपिंग भी एडवांस लेवल पर की जाती है। इस लैैैब में
ट्रांसफ्यूजन रिएक्शन टेस्ट के उपकरण भी मौजूद हैं।

  • अनस्क्रींड खून को किया जा सकता है 30 दिन तक मानिटर

डा. रिचा गुप्ता ने कहा कि डोनर रूम में अनस्क्रींड खून को रखने के मौजूद एडवांस टेंपरेचर मेनटेनेंस युक्त फ्रिज
में 2 से 6 डिग्री तक तापमान में रखा जा सकता है। वहीं इस दौरान इस फ्रिज में रखे गए खून को 30 दिनों तक
24 घंटे डाटा लागर के साथ एलार्म को भी मानिटर किया जा सकता है। डा. रिचा गुप्ता ने क्षेत्र के लोगों से अधिक
से अधिक संख्या में रक्तदान कर इस पुण्य कार्य में भागीदारी दर्ज करवाने की अपील की है।